
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक सेंगोल को लोकसभा कक्ष में स्थापित किया. पारंपरिक पोशाक पहने प्रधानमंत्री मोदी संसद परिसर के गेट नंबर-1 से अंदर गए और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उनका स्वागत किया. कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों ने पूजा पाठ कराया और पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रधानमंत्री ने इस शुभ कार्य के अवसर पर गणेश जी का आह्वान किया. प्रधानमंत्री ने सेंगोल के सामने सांष्टांग दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु से आए अधिनम संतों से आशीर्वाद मांगा. यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी सार्वजनिक रूप से इस तरह साष्टांग नजर आए हों. इससे पहले भी जनता उन्हें 2 बार इस तरह की मुद्रा में देख चुकी है.
20 मई 2014
साल 2014 में 20 मई को संसदीय इतिहास में पहली बार कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. दरअसल, प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले पहली बार संसद पहुंचे नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र के मंदिर के द्वार पर सिर झुकाकर आशीर्वाद लिया था. यह क्षण अद्भुत था. इस नजारे को देखकर कई लोग भावुक हो गए थे. मोदी के इस भाव को लेकर सोशल मीडिया में भी खूब चर्चा हुई. समर्थकों ने उनकी जमकर तारीफ की. पहली बार जब मोदी संसद भवन की सीढ़ियों के आगे झुके तो उनकी सिक्योरिटी में लगे सुरक्षाकर्मी भी हतप्रभ हो गए थे. एकाएक सुरक्षाकर्मियों को कुछ समझ नहीं आया तो आसपास सुरक्षा घेरा बना लिया था.
10 दिसम्बर, 2020 को नए संसद भवन के निर्माण के लिए भूमिपूजपन करते समय भी पीएम मोदी ने उस लम्हे को याद किया था. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से एक ट्वीट में कहा गया था, 'मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था. तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था.'
5 अगस्त 2020
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साष्टांग दंडवत होकर चर्चा में आए थे. दरअसल, 5 अगस्त 2020 के दिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राममंदिर का भूमिपूजन करने पहुंचे प्रधानमंत्री ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा की थी. मंदिर के मुख्य पुजारी जीपी महाराज ने प्रधानमंत्री को चांदी का मुकुट भेंट किया था. इसके बाद, मोदी ने रामलला के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने रामलला मंदिर में साष्टांग प्रणाम किया. खास बात यह थी कि मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए.
28 मई 2023
अब प्रधानमंत्री ने रविवार को नए संसद भवन में सेंगोल के सामने दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु से आए तमाम 'अधिनम' संतों से आशीर्वाद लिया. इसके बाद पीएम मोदी ने "नादस्वरम" की धुनों और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच नए संसद भवन में सेंगोल को एक यात्रा के रूप में ले गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष की कुर्सी के दाईं ओर स्थापित किया.
इस अवसर पर राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर, अश्विनी वैष्णव, मनसुख मंडाविया और जितेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्री उपस्थित थे. प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ कार्यकर्ताओं को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर बहुधर्मी प्रार्थना भी हुई. प्रधानमंत्री, अध्यक्ष और कुछ अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ बाद में पुराने संसद भवन गए.