
देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस साल प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले से 10वीं बार तिरंगा फहराया. इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधानों से लेकर सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए नियोजित निर्माण श्रमिकों तक, लगभग 1,800 स्पेशल गेस्ट पहुंचे. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण में श्रमिकों और किराना विक्रेताओं के योगदान की भी सराहना की. उन्होंने कहा, 'आज हमारे पास जनसांख्यिकी, लोकतंत्र, विविधता है और यह 'त्रिवेणी' (तीन कारक) भारत के हर सपने को साकार करने की क्षमता रखती है.'
इन विशेष अतिथियों में 660 से ज्यादा जीवंत गांवों के 400 से ज्यादा सरपंच शामिल थे. इनमें किसान-उत्पादक संगठन योजना से 250 लोग, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के 50-50 प्रतिभागी शामिल थे.
इस कार्यक्रम में नए संसद भवन सहित सेंट्रल विस्टा परियोजना के 50 श्रम योगी, 50 खादी कार्यकर्ता, जो सीमा सड़कों के निर्माण, अमृत सरोवर और हर घर जल योजना के निर्माण में शामिल हैं, साथ ही 50 प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, नर्स और मछुआरे भी शामिल रहे.
शिक्षकों को मिला सम्मान
दिल्ली के सुब्रतो पार्क स्थित एयर फोर्स गोल्डन जुबली इंस्टीट्यूट में गणित के प्रोफेसर राहुल सोफत विशेष आमंत्रित लोगों में से थे. समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद उन्होंने समाचार एजेंसी को बताया, 'मैं सीबीएसई, एमओई (शिक्षा मंत्रालय), पीएमओ को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए विशेष आमंत्रित के रूप में यहां आने का अवसर दिया. हम प्रधानमंत्री को इतने करीब से देख पाए कि हमने लगभग उनसे हाथ ही मिला लिया. लाल किला समारोह में यह मेरा पहला मौका है... सीबीएसई से लगभग 25 शिक्षक आए हैं.'
सोफत ने कहा, 'यह पल मैं हमेशा याद रखूंगा.' उनकी पत्नी निशि भी उनके साथ थीं और उन्होंने इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, 'एक शिक्षक की पत्नी होना सम्मान की बात है. मैं पहली बार शिक्षकों को ऐसा सम्मान देते हुए देख रही हूं. यह बहुत अच्छा अनुभव था.'
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में साथी नागरिकों से देश की क्षमता का एहसास करने का अवसर न खोने का भी आग्रह किया क्योंकि इस अवधि में लिए गए निर्णय और बलिदान देश को अगले 1,000 वर्षों तक प्रभावित करेंगे. रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सरकार के 'जनभागीदारी' दृष्टिकोण के अनुरूप लगभग 1,800 विशेष मेहमानों को निमंत्रण दिया गया था.
उत्तराखंड से आईं सरपंच ने जाहिर की खुशी
इस कार्यक्रम में पहुंचीं उत्तराखंड के एक गांव की सरपंच सरिता रावत ने कहा, 'मुझे खुशी हुई जब मेरे गांव को वाइब्रेंट विलेज में शामिल किया गया. इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए मैंने चार साल तक कड़ी मेहनत की है.' इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना मेरे लिए गर्व का क्षण था.'
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख जैसे राज्यों में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में चयनित गांवों के व्यापक विकास के लिए 15 फरवरी को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में 'वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम' (वीवीपी) को मंजूरी दी थी.
NCC कैडेट भी बने कार्यक्रम का हिस्सा
इसके अलावा, समारोह में भाग लेने वाले एनसीसी कैडेट मैचिंग सफेद वर्दी पहने हुए, पंक्तियों और स्तंभों की एक साफ-सुथरी व्यवस्था में बैठे थे. दिल्ली की 19 वर्षीय कैडेट वंदना कुमारी ने बताया, 'हम अपने प्रधानमंत्री को करीब से देखकर बहुत खुश हुए और उनसे हाथ भी मिलाया.' जब मोदी कुछ बच्चों के पास घूमे और समूह की ओर हाथ हिलाया तो बच्चों ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाए.