
IIT गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने UCC के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (डीपीएसपी) 'देश के शासन में मौलिक' हैं और उन्हें नियमों में बनाना राज्य का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि कई DPSPs पंचायतों, सहकारी समितियों और शिक्षा के अधिकार को पहले ही कानून में तब्दील कर दिया गया है. ऐसे में अब संविधान के अनुच्छेद 44 को लागू करने का समय आ गया है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने IIT गुवाहाटी के कार्यक्रम में कहा कि समान नागरिक संहिता भारत और उसके राष्ट्रवाद को अधिक प्रभावी ढंग से बांधेगी और इस बात पर जोर दिया कि यूसीसी के कार्यान्वयन में कोई भी और देरी हमारे मूल्यों के लिए हानिकारक होगी.
विदेशी इकाईयों को खिलवाड़ करने का हक नहीं
भारत की छवि को धूमिल करने के प्रयासों को लेकर धनखड़ ने जोर देकर कहा, 'अब समय आ गया है कि भारत-विरोधी आख्यानों के कोरियोग्राफरों को ढंग से खारिज किया जाए.' उपराष्ट्रपति ने यह भी बताया कि किसी भी विदेशी इकाई को हमारी संप्रभुता और प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. उपराष्ट्रपति ने जोर दिया, 'हम अपने फलते-फूलते लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर आंच नहीं आने दे सकते.'
भ्रष्टाचार पर कही ये बात
यह देखते हुए कि अब भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस है, उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार लोकतंत्र विरोधी है, भ्रष्टाचार खराब शासन है, भ्रष्टाचार हमारे विकास को रोकता है... एक भ्रष्टाचार मुक्त समाज आपके विकास पथ के लिए सबसे सुरक्षित गारंटी है. धनखड़ ने भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े जाने पर कुछ लोगों के कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेने के बजाय सड़कों पर उतरने पर भी अपनी असहमति व्यक्त की.
'भारतीय होने पर गर्व करें छात्र'
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से भारतीय होने और इसकी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करने को भी कहा. इस दौरान उन्होंने छात्रों को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के बहुमूल्य शब्द भी याद दिलाए, 'आपको पहले भारतीय होना चाहिए, अंत में भारतीय और भारतीय के अलावा कुछ नहीं.'
अपने दीक्षांत भाषण में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों का ध्यान सहिष्णु होने की आवश्यकता की ओर भी आकर्षित किया. उन्होंने कहा, 'हमें अन्य नजरियों पर भी विचार करना चाहिए, क्योंकि अक्सर अन्य नजरिया ही सही नजरिया होता है.' इससे पहले दिन में, उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी के साथ गुवाहाटी के प्रसिद्ध मां कामाख्या मंदिर में दर्शन किए और प्रार्थना की. बाद में, उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी के छात्रों के साथ बातचीत की.
इस दौरान असम के राज्यपाल, श्री गुलाब चंद कटारिया, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, अध्यक्ष बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईटी गुवाहाटी, डॉ. राजीव मोदी, निदेशक आईआईटी गुवाहाटी, प्रोफेसर परमेश्वर के. अय्यर, वरिष्ठ संकाय सदस्य, छात्र और तमाम अथिति भी मौजूद रहे.