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दूरदर्शी नीति और बेजोड़ कूटनीति... दुनिया का स्वागत करते भारत के वो 70 मिनट

जब हाथों में छड़ी लेकर पैरों को सहारा देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस नजर आते हैं तो इशारे-इशारे में मोदी उनका हाल जान लेते हैं. ठीक ऐसे ही जब जर्मनी के चांसलर ओलाफ अपनी दाहिनी आंख पर पट्टी बांधकर भारत मंडपम के गलियारे से हुए हुए मोदी तक पहुंचते हैं तो प्रधानमंत्री सबसे पहले उनकी आंख के बारे में पूछते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात करते पीएम मोदी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात करते पीएम मोदी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:41 AM IST

भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन के पहले दिन पूरे विश्व ने भारत की झलक देखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों का गर्मजोशी से स्वागत किया. अमूमन ऐसे अंतराष्ट्रीय सम्मेलन, इतने प्रोटोकॉल और औपचारिकता के साथ होते हैं, जिसमें निजी संबंधों का भाव खोजने से भी नहीं मिलता. मगर, प्रधानमंत्री ने 70 मिनट के स्वागत समारोह में G-20 में आए राष्ट्राध्यक्षों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रमुखों का न सिर्फ हाथ जोड़कर स्वागत किया और गर्मजोशी से गले मिलकर अभिवादन किया बल्कि अपनी बॉडी लैंग्वेज से भारत की संस्कृति को लेकर दुनिया को एक बड़ा पैगाम भी दिया. पैगाम यही कि अब ये भारत का वक्त है.

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ये दृश्य मोदी की दूरदर्शी नीति और भारत की बेजोड़ कूटनीति के स्वर्णिम गलियारे में देखने को मिले. इसी गलियारे पर बिछी लाल कालीन पर बढ़ रहे कदमों से पूरी दुनिया भारत के विश्वगुरु बनने के सफर को आज माप रही थी. इसी गलियारे में राष्ट्राध्यक्षों के अभिवादन में हाथ जोड़कर खड़े प्रधानमंत्री मोदी ने नई विश्व व्यवस्था में भारत की भूमिका की संपूर्ण झांकी दिखा दी.

कई मुल्क भारत को उजाले की उम्मीद से देख रहे हैं

यहां दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क के प्रमुख थे तो दुनिया के नक्शे पर उन छोड़े मुल्क के प्रमुख भी जो गुमनामी के अंधेरे में भारत को किसी उजाले की उम्मीद से देख रहे हैं, क्योंकि भारत मंडपम के इसी गलियारे से दुनिया यूक्रेन-रूस युद्ध की चिंता और वैश्विक मंदी वाले ग्रहण से बचाने के रास्ता खोज रही है.

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बेहद दोस्ताना अंदाज में पीएम मोदी से गले मिले बाइडेन

दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्ष यानी जो. बाइडेन इसी गलियारे में भारत के प्रधानमंत्री के सम्मान में सलूट करते हैं. बेहद दोस्ताना अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी से गले मिलते हैं. बातें करते हैं. इसी गलियारे में जब एक पल के लिए रूस के विदेश मंत्री का पांव लड़खडाता है तो पीएम मोदी संभालने के लिए आगे बढ़ते हुए नजर आते हैं.

जर्मनी के चांसलर से पीएम ने उनकी आंख के बारे में पूछा

जब हाथों में छड़ी लेकर पैरों को सहारा देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस नजर आते हैं तो इशारे-इशारे में मोदी उनका हाल जान लेते हैं. ठीक ऐसे ही जब जर्मनी के चांसलर ओलाफ अपनी दाहिनी आंख पर पट्टी बांधकर भारत मंडपम के गलियारे से हुए हुए मोदी तक पहुंचते हैं तो प्रधानमंत्री सबसे पहले उनकी आंख के बारे में पूछते हैं.

सभी राष्ट्राध्यक्षों के साथ पीएम मोदी की केमेस्ट्री गजब की दिखी

चाहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हों. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी हों. अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजाली असौमनी हों. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हों, यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद हों या फिर कोई दूसरे राष्ट्राध्यक्ष, पीएम मोदी के साथ उनकी केमेस्ट्री गजब की दिखी.

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ब्रिटेन के साथ कारोबार के मुद्दे पर चर्चा, जापान के पीएम से भी बात

जी-20 समिट की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच साल में जितने भी सम्मेलन हुए, उन सबके मुकाबले भारत में हुए जी-20 सम्मेलन की कई गुना तक उत्पादकता रही है. भारत की कुछ बड़ी पहल पर जी-20 ने दुनिया को बचाने, समावेशी विकास और शांति की दिशा में कुछ फैसले लिए हैं. इसमें पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने जैसी पहल, ग्रीन क्रेडिट इनिशियेटिव्स और मल्टीलैटरल वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशंस बनाने की दिशा में सहमति बनी है.

बता दें कि समिट के पहले दिन दो सत्रों को शामिल किया गया. पहले सत्र में वन अर्थ थीम पर चर्चा हुई. दूसरे सत्र में वन फैमिली पर चर्चा हुई. विश्व बंधुत्व के साथ विश्व शांति की बात हुई और इन्हीं दोनों कार्यक्रमों के बीच भारत के पीएम ने कई द्विपक्षीय बातचीत भी की. ब्रिटेन के साथ कारोबार के मुद्दे पर चर्चा हुई. इसके अलावा जापान के पीएम फुमियो किशिदा के साथ भी पीएम मोदी की द्विपक्षीय बातचीत हुई.

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