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जहां होगी G-20 की मीटिंग, वहां से बंदरों को भगाने के लिए लगाए गए लंगूरों के कटआउट

दिल्ली में सितंबर में होने वाली जी-20 की मीटिंग को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है. जहां यह मीटिंग होगी और इस रूट पर कई जगहों पर लंगूरों के कटआउट लगाए गए हैं ताकि बंदरों को भगाया जा सके.

बंदरों को भगाने के लिए लगाए गए लंगूरों के कटआउट बंदरों को भगाने के लिए लगाए गए लंगूरों के कटआउट
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

दिल्ली में अगर आपको G-20 वेन्यू और रास्तों पर बड़े-बड़े लंगूर के कटआउट दिखाई दें तो हैरान मत होइएगा. कटआउट इतने जीवंत हैं कि एक बार आपकी आंखों को इनके असल होने का गुमान भी होगा.  

दरअसल नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान रीसस मकाक को G-20 वेन्यू से दूर रखने के लिहाज से ऐसा किया है. सेंट्रल रिज के साथ एसपी मार्ग पर अलग-अलग रंगों में ये लंगूरों के आदमकद कटआउट दिखाई देंगे. वहीं मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि करीब 40 ऐसे प्रशिक्षित की तैनाती भी की जाएगी जो लंगूरों जैसी आवाज निकालकर रीसस मकाक बंदरों को भगाएंगे. 

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इस मामले की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि नगर निकाय  प्रशिक्षित कर्मचारियों को भी तैनात कर सकती है ताकि बंदर होटलों और जी20 शिखर सम्मेलन से संबंधित स्थानों से दूर रहें.  

NDMC उपाध्यक्ष ने क्या कहा?

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली वन विभाग के समन्वय से ये अस्थायी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बंदर रिज के अंदर ही रहें और गणमान्य व्यक्तियों के काफिले में व्यवधान पैदा न करें. उन्होंने कहा, “लंगूर के कट-आउट प्रायोगिक आधार पर लगाए गए हैं और हमें यह देखना होगा कि बंदरों पर उनका कितना वास्तविक प्रभाव पड़ता है." 

16 साल में 21 हजार बंदरों को पकड़ा गया 

बंदरों के हमले में साल 2007 में डिप्टी मेयर एसएस बाजवा की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली नगर निगम ने बंदरों को पकड़ना और उन्हें असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया. एमसीडी के आंकड़े के मुताबिक, 16 साल में 21 हजार से अधिक बंदरों को असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य में ट्रांसफर किया गया है. 

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8,9 और 10 सितंबर को होगी मीटिंग

बता दें कि 16 नवंबर, 2022 को जी-20 बाली शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी गई थी. अध्यक्षता सौंपे जाने के बाद, भारत की साल भर चलने वाली जी-20 अध्यक्षता 1 दिसंबर, 2022 को शुरू हुई, और 30 नवंबर, 2023 तक जारी रहेगी.  भारत की जी-20 अध्यक्षता में, इस समूह के नेताओं का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा.
 

 

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