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ग्लोबल साउथ पर फोकस, जिनपिंग की गैरमौजूदगी की वजह... जानें G20 के मैनिफेस्टो पर क्या बोले शेरपा अमिताभ कांत

अमिताभ कांत ने कहा कि जब भारत ने बाली में G20 की अध्यक्ष पद की समान संभाली थी. हमने महसूस किया था कि हमें वसुधैव कुटुंबकम की थीम के साथ हमारी अध्यक्षता शुरू करनी चाहिए. पीएम मोदी ने कहा था कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक और महत्वाकांक्षी होनी चाहिए. हमने उनके इसी विजन का पालन किया है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST

राजधानी दिल्ली में नौ और दस सितंबर को होने जा रहे G20 सम्मेलन को लेकर विदेशी मेहमानों ने भारत पहुंचना शुरू कर दिया है. ऐसे में G20 के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि इस समिट का घोषणापत्र ग्लोबल साउथ और विकासशील देशों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. 

कांत ने कहा कि दुनिया के किसी भी दस्तावेज या घोषणापत्र में ग्लोबल साउथ और विकासशील देशों को लेकर इतनी पैरवी नहीं की गई होगी. हमारा घोषणापत्र लगभग तैयार है. इसे साझेदारों को मुहैया कराया जाएगा और वे इसे स्वीकार करेंगे. इसके बाद हम इस पर बात कर सकते हैं.

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अमिताभ कांत ने कहा कि जब भारत ने बाली में G20 की अध्यक्ष पद की समान संभाली थी. हमने महसूस किया था कि हमें वसुधैव कुटुंबकम की थीम के साथ हमारी अध्यक्षता शुरू करनी चाहिए. पीएम मोदी ने कहा था कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक और महत्वाकांक्षी होनी चाहिए. हमने उनके इसी विजन का पालन किया है.

उन्होंने G20 के अध्यक्ष के तौर पर प्रमुख प्राथमिकताओं के बारे में भी बात की, जिसमें ससत विकास लक्ष्य और क्लाइमेट एक्शन शामिल है. क्लाइमेट एक्शन और क्लाइमेट एक्शन के संदर्ब में दुनिया ग्रीन डेवलपमेंट का अगुआ बने. 

G20 शेरपा कौन होते हैं? 

G20 सम्मेलन में जितने भी देश शामिल हो रहे हैं. वह अपने देश की तरफ से एक एक शेरपा नियुक्त करते हैं. सदस्य देशों के शेरपा G20 सम्मेलन के दौरान अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस सम्मेलन में वह अपने नेताओं की मदद तो करते ही हैं साथ ही उनका काम अपने देश के नीतिगत फैसले से सभी सदस्य देशों को अवगत कराना भी है. आसान भाषा में समझे तो शेरपा का पद किसी राजदूत के बराबर होता है. शेरपा की नियुक्ति सदस्य देशों की सरकार करती है.

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विदेशी मेहमानों का भारत आना शुरू

G20 के लिए विदेशी मेहमानों का भारत पहुंचना शुरू किया है. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन नई दिल्ली पहुंच गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन आठ सिंतबर को शाम लगभग सात बजे दिल्ली पहुंचेंगे. वह सीधी पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके बाद वे 9-10 सितंबर को जी-20 समिट में हिस्सा लेंगे. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक भी जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आ रहे हैं. सुनक की यह भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है. इसके अलावा जापान के पीएम फिमियो किशिदो, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बनीज, द कोरिया के राष्ट्रपति, जर्मन चांसलर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी जी-20 समिट में शामिल होंगे.

इसके अलावा जी-20 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के शामिल होने की संभावना है. हालांकि, सऊदी की ओर से अभी कोई पुष्टि नहीं की गई है. दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति भी जी-20 में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं. नाइजीरिया के राष्ट्रपति पहले ही भारत पहुंच चुके हैं. इसके साथ ही ब्राजील, बांग्लादेश, इटली के राष्ट्राध्यक्षों के भी नई दिल्ली आने की उम्मीद है.

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