
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल अधिकारियों से बातचीत की और कहा, जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता का श्रेय आप सभी (टीम जी20) को जाता है. पीएम ने कहा, आज का कार्यक्रम मजदूर एकता जिंदाबाद के बारे में है. हम सभी मजदूर हैं. मैं थोड़ा बड़ा मजदूर हूं, आप थोडे छोटे मजदूर हैं. हम सब तो तो मजदूर हैं. मेरा आप सबसे अनुरोध है कि सभी अपने जी-20 के अनुभवों को रिकॉर्ड कर सकते हैं. यह भविष्य के आयोजनों के लिए दिशा-निर्देश के रूप में काम करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता में योगदान देने वाले लगभग 3,000 लोगों के साथ बातचीत कर रहे थे. प्रतिभागियों में वे लोग शामिल थे, जिन्होंने शिखर सम्मेलन के सुचारू संचालन में जमीनी स्तर पर काम किया. इनमें सफाईकर्मी, ड्राइवर, वेटर और विभिन्न मंत्रालयों के अन्य कर्मचारी शामिल थे. बातचीत में विभिन्न विभागों के मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए.
'अपनी चुनौतियों को बता सकते हैं ग्राउंड स्टाफ से जुड़े लोग'
पीएम मोदी ने अधिकारियों के योगदान और समिट के दौरान आने वाली चुनौतियों की सराहना की. मोदी ने कहा, जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता का श्रेय आप सभी को जाता है. आपसे अपने अनुभवों को रिकॉर्ड करने का अनुरोध कर रहा हूं. यह भविष्य के आयोजनों के लिए दिशानिर्देश के रूप में काम करेंगे. प्रधानमंत्री ने आयोजकों के अनुभवों का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक वेबसाइट तैयार करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, हर कोई अपनी भाषा में लिख सकता है. आपने चुनौतियों का सामना कैसे किया. यह 100 पृष्ठों में चल सकता है और इसे अलमारी के बजाय क्लाउड पर संग्रहीत किया जा सकता है.
'जी 20 समिट ने देश की ताकत दिखाई'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता ने देश को इस तरह के वैश्विक कार्यक्रम आयोजित करने का आत्मविश्वास दिया है. मोदी ने सफलता के लिए जमीनी स्तर के पदाधिकारियों को भी श्रेय दिया. पीएम ने जी20 शिखर सम्मेलन और राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के बीच समानताएं दर्शाते हुए कहा, 2010 में राष्ट्रीय राजधानी में खेल आयोजन उन चीजों में फंस गया, जिससे देश की बदनामी हुई और शासन प्रणाली में निराशा की भावना पैदा हुई. दूसरी ओर, जी20 शिखर सम्मेलन का प्रभाव देश की ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने में सफलता के रूप में सामने आया है. मेरे लिए असली खुशी इस बात में है कि मेरा देश अब आश्वस्त है कि वह ऐसे किसी भी कार्यक्रम की सर्वोत्तम संभव तरीके से मेजबानी कर सकता है.
'...मुझे यह आश्वस्त करती है कि मेरी नींव मजबूत है'
मोदी ने कहा, इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी पीछे की सीटों पर बैठे हैं, जबकि जमीनी स्तर के पदाधिकारी सबसे आगे हैं. मुझे यह व्यवस्था पसंद है क्योंकि यह मुझे आश्वस्त करती है कि मेरी नींव मजबूत है. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने पदाधिकारियों से अनौपचारिक रूप से बैठकर अपने-अपने विभाग के अनुभव साझा करने को कहा. उन्होंने कहा, रोजाना दफ्तर की वर्किंग में किसी को अपने सहकर्मियों की क्षमताओं का पता नहीं चलता है.
मोदी ने कहा, यह किसी के प्रदर्शन को व्यापक परिप्रेक्ष्य में रखता है. एक बार जब हम दूसरों के प्रयासों को जान लेते हैं, तो वह हमें बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है. आज का कार्यक्रम मजदूर एकता जिंदाबाद के बारे में है. हम सभी मजदूर हैं. मैं थोड़ा बड़ा मजदूर हूं, आप थोड़े छोटे मजदूर हैं. हम सब तो मजदूर हैं.
'आज भारत हर जगह पहुंच रहा है'
पीएम ने नेपाल और तुर्की में भूकंप, फिजी में चक्रवात और श्रीलंका और मालदीव में संकट जैसी आपदाओं के दौरान बचाव और राहत प्रयासों में भारत के योगदान का भी हवाला दिया. मोदी ने कहा, यह सब दिखाता है कि भारत मजबूती से खड़ा है और जरूरत के समय हर जगह पहुंच रहा है. प्रधानमंत्री ने आगे सुधार के लिए वैश्विक प्रदर्शन की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि वैश्विक दृष्टिकोण और संदर्भ को सभी कार्यों पर जोर देना चाहिए.