
भारत में बने कफ सिरप से अफ्रीकी देश गाम्बिया में कथित रूप से 66 बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में हरियाणा के वकील यशपाल ने एसीबी को 29 अप्रैल को एक पत्र लिखा था, जिसमें राज्य के ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा पर मेडेन फार्मास्युटिकल्स के सिरप का भारत सरकार की लैब में सैंपल बदलने का आरोप लगाया, जिसके बदले पांच करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई. अब इस मामले में जांच शुरू हो गई है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इन आरोपों पर तनेजा ने फोन कॉल, मैसेज या ईमेल का जवाब नहीं दिया. हालांकि डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसे आरोप की कोई जानकारी नहीं है. यशपाल ने अपने पत्र में ये नहीं बताया था कि उन्हें ये जानकारी कहां से मिली. संपर्क किए जाने पर वकील ने कहा कि उन्हें मेडेन मामले में कथित रिश्वत के बारे में भारत के फार्मास्युटिकल उद्योग में कम से कम दो व्यक्तियों से पता चला था, जिसमें से एक व्यक्ति मेडेन कंपनी का था, लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया.
वकील ने बताया कि उन्होंने अपने करियर में कभी भी किसी दवा कंपनी का प्रतिनिधित्व नहीं किया या मुआवजे का दावों से जुड़े मामलों पर काम नहीं किया, लेकिन गाम्बिया में हुई मौतों के सार्वजनिक होने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले की बारीकी से जांच शुरू की और इस बारे में 40 सोर्स से बात की. इस दौरान उन्हें पहली रिश्वत के बारे में पता चला.
अधिकारियों ने कहा- जांच शुरू
हरियाणा एसीबी महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने रॉयटर्स को बताया कि यशपाल की शिकायत को राज्य के शीर्ष स्वास्थ्य नौकरशाह हरियाणा में स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव, जी. अनुपमा ने मैसेज में बताया कि पूछताछ चल रही है. इस मामले में जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया.
यशपाल की शिकायत को सबसे पहले 17 मई को हिंदी दैनिक ने रिपोर्ट किया था. स्थानीय अधिकारियों द्वारा उनके आरोपों की जांच की रिपोर्ट पहले नहीं दी गई थी. हरियाणा सरकार ने कहा कि वह राज्य को पूरे भारत में 41 बिलियन डॉलर की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में सेंटर के रूप में बदलना चाहती है. वकील यशपाल ने अपनी शिकायत सीएम खट्टर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भी भेजी थी, लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं मिला.
WHO ने कहा था-दूषित है सिरप
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अक्टूबर, 2022 में कहा था कि भारत की कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा गाम्बिया को भेजे जा रहे चार कफ सिरप की गुणवत्ता मानदंडों के अनुरूप नहीं है. रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ये गाम्बिया में कई बच्चों की मौतों से जुड़े हैं.
WHO ने सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल के चार उत्पादों प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्समालिन बेबी कफ सीरप, मैकॉफ बेबी कफ सीरप और मैग्रीप एन कोल्ड सीरप को बेहद खराब मेडिकल प्रोडक्ट बताया गया था. वहीं गाम्बिया में हेल्थ डायरेक्टर मुस्तफा बिट्टाये ने सभी बच्चों की मौत के कारणों की पुष्टि करते हुए बताया था कि इन सभी बच्चों की मौत किडनी की गंभीर दिक्कतों की वजह से हुई है.