
आसाराम बापू को दुष्कर्म के एक मामले में गांधीनगर की अदालत ने दोषी ठहराया है. इस मामले में आज उसे सजा सुनाई जाएगी. सेशन कोर्ट के जज डीके सोनी ने सजा पर फैसला सोमवार को सुरक्षित रख लिया था.
दुष्कर्म का ये मामला आसाराम पर 2013 में दर्ज किया गया था. इस मामले में सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में 6 लोगों को बरी कर दिया है, जिसमें आसाराम की पत्नी और बेटी भी शामिल है.
आसाराम के वकील का कहना है कि सेशन कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आसाराम 2013 से ही जोधपुर की जेल में बंद है.
ये कौन सा है मामला?
- सूरत की एक महिला ने 2013 में आसाराम बापू और सात अन्य लोगों के खिलाफ दुष्कर्म और अवैध तरीके से बंधक बनाने का मामला दर्ज करवाया था.
- इस मामले में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में FIR दर्ज हुई थी. FIR के मुताबिक, महिला के साथ अहमदाबाद शहर के बाहर बने आश्रम में कई 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म किया गया था.
- ट्रायल के दौरान ही सात में एक आरोपी की मौत अक्टूबर 2013 में हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी.
किस धारा के तहत माना गया दोषी?
- सेशन कोर्ट के जज डीके सोनी ने शिष्या से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को दोषी माना है. बाकी सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
- स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आरसी कोडेकर ने बताया कि अदालत ने आसाराम को आईपीसी की धारा 376 2(C) (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन अपराध), 342 (अवैध रूप से बंधक बनाना), 354 (शीलभंग के इरादे से महिला पर आपराधिक हमला), 357 (हमला) और 506 (आपराधिक धमकी देना) के तहत दोषी ठहराया है.
कितनी सजा हो सकती है?
- धारा 376 2(C): दुष्कर्म का दोष साबित होने पर कम से कम सात साल और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा.
- धारा 377: किसी महिला के साथ अप्राकृतिक यौन अपराध के मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. जुर्माना भी लिया जाएगा.
- धारा 342: किसी व्यक्ति को अवैध या जबरन बंधक बनाने के मामले में दोषी ठहराए जाने पर एक साल की जेल या एक हजार रुपये जुर्माने या दोनों की सजा हो सकती है.
- धारा 354: किसी महिला का शील या लज्जा भंग करने के इरादे से आपराधिक हमला करने पर दोषी ठहराए जाने पर कम से कम एक साल और ज्यादा से ज्यादा पांच साल की जेल हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा.
- धारा 357: किसी पर आपराधिक हमला करने पर दोषी पाए जाने पर एक साल की जेल या एक हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.
- धारा 506: किसी व्यक्ति को धमकाए जाने के मामले में दोषी ठहराए जाने पर दो साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.