Advertisement

'लड़की से सिर्फ दोस्ती यौन संबंध बनाने की सहमति नहीं': बॉम्बे हाईकोर्ट

आरोपी ने महिला से दोस्ती की. फिर शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए, जिससे वह गर्भवती हो गई. जस्टिस डांगरे ने शादी के बहाने एक महिला से बलात्कार के आरोपी शहर निवासी आशीष चकोर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस डांगरे की सिंगल बेंच ने मामले में सुनवाई की. बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस डांगरे की सिंगल बेंच ने मामले में सुनवाई की.
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 28 जून 2022,
  • अपडेटेड 9:24 AM IST
  • कोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज की
  • लड़की ने शादी का झांसा देकर जबरस्ती करने का आरोप लगाया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने लड़का और लड़की के बीच दोस्ती में यौन संबंध बनाने की सहमति को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि एक लड़की एक लड़के के साथ दोस्ताना है, वह लड़के को उसकी सहमति के रूप में संबंध बनाने की अनुमति नहीं देती है. उसके साथ जबदरस्ती करना अपराध है. 24 जून को पारित एक आदेश में जस्टिस भारती डांगरे की अध्यक्षता वाली सिंगल बेंच ने यह टिप्पणी की है.

Advertisement

दरअसल, आरोपी ने महिला से दोस्ती की. फिर शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए, जिससे वह गर्भवती हो गई. जस्टिस डांगरे ने शादी के बहाने एक महिला से बलात्कार के आरोपी शहर निवासी आशीष चकोर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. महिला की शिकायत के मुताबिक, उसकी चकोर से दोस्ती थी. चकोर ने उससे शादी करने का वादा करते हुए यौन संबंध बनाने के लिए कहा. जब वह नहीं मानी तो चकोर ने उसके साथ 'जबरदस्ती' की. बाद में जब वह गर्भवती हो गई तो उसने शादी करने से इनकार कर दिया.

दोस्ताना रिश्ता होने से संबंध बनाने की अनुमति नहीं मिल जाती

हालांकि, कोर्ट में चकोर की तरफ से कहा गया कि महिला ने अपनी सहमति से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे. चकोर ने गिरफ्तारी से भी राहत देने की अपील की. इस पर जस्टिस डांगरे ने कहा- किसी लड़की के साथ सिर्फ दोस्ताना रिश्ता होने से किसी लड़के को उसे हल्के में लेने की और इसे उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की सहमति मानने की अनुमति नहीं मिल जाती.
 
महिला को संबंध बनाने के लिए मजबूर तो नहीं किया?

Advertisement

बेंच ने आगे कहा कि चकोर के खिलाफ आरोपों की पुलिस द्वारा जांच की जानी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या महिला को शारीरिक संबंध के लिए अपनी सहमति देने के लिए मजबूर किया गया था.

हर महिला रिश्ते में 'सम्मान' की उम्मीद करती

चकोर की अग्रिम जमानत की याचिका को जस्टिस डांगरे ने खारिज कर दिया और कहा- किसी पुरुष को महिला के साथ दोस्ती होने पर मजबूर करने का लाइसेंस प्रदान नहीं करती है, जब वह विशेष रूप से संबंध बनाने से इनकार करती है. हाईकोर्ट ने कहा- हर महिला रिश्ते में 'सम्मान' की उम्मीद करती है, चाहे वह आपसी प्यार पर आधारित दोस्ती ही क्यों ना हो.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement