
सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में प्रत्यक्ष सुनवाई और अन्य न्यायिक कामकाज शुरू करने की तर्ज पर स्कूल खोलने के लिए एक छात्र की चिट्ठी के बाद एक छात्रा की चिट्ठी को भी जनहित याचिका में बदला दिया.
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस विनीत सरन ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से सीजेआई जस्टिस एनवी रमणा और अन्य जजों के अभिनंदन के लिए आयोजित समारोह में बताया कि हाल ही में एक लड़की ने CJI को पत्र लिखकर प्रत्यक्ष तौर पर सुनवाई शुरू करने का अनुरोध किया था. क्योंकि अब देश भर में अन्य सभी व्यवसाय और स्कूल शुरू हो गए हैं. इसलिए अदालतें भी प्रत्यक्ष तौर पर सुनवाई शुरू करें.
इस मुद्दे पर लिखे गए पत्र को CJI रमणा ने जनहित याचिका में बदल दिया है. इससे पहले मुंबई के एक छात्र ने भी CJI को स्कूल खोलने का आदेश देने की बाबत भी पत्र लिखा था, जिसे उन्होंने जनहित याचिका में बदल दिया.
जस्टिस शरण ने कहा कि जस्टिस रमणा सुनहरे दिल वाले व्यक्ति हैं. जस्टिस शरण ने इस बात का जिक्र भी किया कि एक ही बार में सुप्रीम कोर्ट के लिए 9 जजों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक महान कदम है. विभिन्न उच्च न्यायालयों की नियुक्ति के लिए इतनी बड़ी संख्या में न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिशें भी उनके द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है.