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चमोली में भारत-चीन सीमा के पास ग्लेशियर टूटा, रैणी में ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ा

भारत-चीन सीमा को जाड़ने वाली सड़क पर सुमना 2 में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है. बताया जा रहा है कि भारी बर्फबारी की वजह से ये ग्लेशियर टूटा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिलीप सिंह राठौड़
  • ,
  • 23 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST
  • भारत-चीन सीमा के पास ग्लेशियर टूटा
  • ऋषिंगगा नदी का स्तर बढ़ा
  • सड़कों पर जमी बर्फ-संपर्क टूटा

भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर सुमना 2 में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है. बताया जा रहा है कि भारी बर्फबारी की वजह से ये ग्लेशियर टूटा है. ग्लेशियर टूटने के बाद से ही संपर्क कट चुका है.  किसी भी तरह की बातचीत संभव नहीं हो रही है. खबर है कि यहां मजदूर सड़क कटिंग के कार्य में रहते हैं. बीआरओ के अधिकारी लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन को भी तेजी से चलाया जा रहा है. लेकिन तेज बारिश और खराब मौसम की वजह से सेंट्रल कमांड आर्मी को इस अभियान में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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चमोली में फिर टूटा ग्लेशियर

NDRF की सूत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि ग्लेशियर टूटने के बाद से रैणी में ऋषिंगगा नदी का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. प्राप्त सूचना के अनुसार जल स्तर 2 फुट तक बढ़ा है. अभी तक जान-माल की हानी की कोई खबर नहीं मिली है. एजेंसियां लगातार मौके पर पहुंचने की कवायद कर रही हैं. मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है और बारिश का आना लगातार जारी है. बताया जा रहा है कि ग्लेशियर भी इसी वजह से टूटा है. स्थिति का जायजा स्थानीय एजेंसीज के द्वारा लिया जा रहा है. 

अमित शाह ने दिया मदद का आश्वासन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी इस घटना पर ट्वीट कर जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से हर तरह की मदद का पूरा आश्वासन दिया गया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना का तत्काल संज्ञान लिया है. उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है और आईटीबीपी को सतर्क रहने के निर्देश दिये है.

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वहीं सीएम की तरफ से ये जानकारी भी दी गई कि एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. वे नहीं चाहते कि इस घटना के बाद कोई दूसरा बड़ा हादसा हो जाए.

सदमे में स्थानीय लोग

ग्लेशियर टूटने के बाद से ही स्थानीय लोग काफी सदमे में हैं और उनके मन में फरवरी में चमोली में टूटे ग्लेशियर की यादें ताजा हो गई हैं. शुक्रवार को हुई इस घटना से  कई गांव प्रभावित हो गए हैं और संपर्क भी बड़े स्तर पर टूटा है. मालूम हो कि इसी साल 7 फरवरी को चमोली ग्लेशियर टूटने की घटना सामने आई थी. उस घटना के बाद 205 लोग लापता बताए गए, वहीं 79 ने अपनी जान गवा दी. सरकार के कई सारे विकास कार्य भी उस त्रासदी की चपेट में आ गए थे और आर्थिक दृष्टि से भी भारी नुकसान हो गया था.

संपर्क पूरी तरह टूटा

उस त्रासदी से लोग अभी उभरे भी नहीं थे कि अब एक और घटना ने सभी को खौफजदा कर दिया है. इलाके की संवेदनशीलता को समझते हुए एजेंसिया जल्द से जल्द मौके पर पहुंच नुकसान का जायजा लेना चाहती है. लेकिन वहां तक पहुंचने में अभी काफी समय जाने वाला है क्योंकि सड़कों पर बर्फ जमा है और संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. अभी इस समय रेस्क्यू ऑपरेशन भी काफी धीमि गति से आगे बढ़ता दिख रहा है.

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