
गोवा में चल रहा 54वां अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव अपनी शुरुआत से ही विवादों के घेरे में आ गया है. इस महोत्सव का आयोजन गोवा के प्रसिद्ध कला अकादमी की इमारत में किया जा रहा है, जिसकी संरचनात्मक सुरक्षा को लेकर जानकर पहले से ही चिंता जता रहे हैं. आरोप ये भी है कि कई बार एतराज जताने के बावजूद ये आयोजन गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के आग्रह की वजह से कला अकादमी में किया जा रहा है.
आपको बता दें कि इसी साल जुलाई में कला अकादमी के इमारत की छत रेनोवेशन के दौरान भरभरा कर गिर पड़ी थी. ये रेनोवेशन का काम गोवा सरकार की ओर से कराया जा रहा था. रेनोवेशन के दौरान ही खुद सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) में काम कर रहे वरिष्ठ अभियंताओं ने ख़राब काम को लेकर प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायतें किसी के कानों पर नहीं पड़ीं. आरोप ये लगे कि इस रेनोवेशन के काम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार तो हुआ ही है, सरकार ने इस प्रोजेक्ट में कोई पारदर्शिता भी नहीं दिखाई है.
बेंगलुरु के एक कला प्रेमी और आरटीआई एक्टिविस्ट टी जे अब्राहम ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े सारे संदिग्ध लेन देन को सामने लाने का बीड़ा उठाया था. अब्राहम ने इस पूरे प्रोजेक्ट से जुड़ी कई जानकारियां मसलन कॉन्ट्रैक्टर्स की पहचान, रेनोवेशन के काम में होने वाले खर्च की रकम, और इस कॉन्ट्रैक्ट को देने के लिए की गयी टेंडरिंग की प्रक्रिया को जानने के किये कई याचिकाएं दाखिल की थीं. लेकिन सावंत सरकार की तरफ से उनको सूचना के अधिकार के तहत कोई जानकरी उपलब्ध नहीं करवाई गई. इसके उलट गोवा सरकार की तरफ से ये कहा गया कि ये प्रोजेक्ट आरटीआई के दायरे में आता ही नहीं हैं.
अब इसको लेकर सीएम सावंत विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं. गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई ने इस सिलसिले में व्यापक जांच की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस प्रोजेक्ट के शुरुआती काम अवैध तरीके से सीएम सावंत के करीबियों को दिए गए.
कला अकादमी प्रोजेक्ट को लेकर बरती गई गुप्तता और अनियमितता ने जनता के पैसों के दुरुपयोग को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. मौजूदा स्तिथि ने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव जैसा एक चकाचौंध कार्यक्रम करवाने के लिए गोवा की सावंत सरकार ने जनता की सुरक्षा को ताख पर रख दिया है? और क्या ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि रेनोवेशन के काम में हुए पैसों की हेरा फेरी को छुपाया जा सके?
वैसे ये मुद्दा इसलिए भी बेहद गंभीर है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में देश विदेश से फिल्म जगत की जानी मानी शख्सियतें गोवा पहुंचती हैं. ऐसे में सरकार की कोई भी लापरवाही देश की छवि पर बुरा असर डाल सकती है.