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गोवा में रातोरात कैसे गायब हो गई 'आधी कांग्रेस'? बदल गया विधानसभा में नंबरगेम

गोवा में कांग्रेस में एक बार फिर से बगावत होने की खबर है. गोवा कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडु राव ने बताया कि कांग्रेस के 5 विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इन बागी विधायकों के बीजेपी में जाने की अटकलें हैं.

कांग्रेस के माइकल लोबो और दिगंबर कामत पर बीजेपी के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगा है. (फाइल फोटो) कांग्रेस के माइकल लोबो और दिगंबर कामत पर बीजेपी के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगा है. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST
  • गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 11 विधायक हैं
  • 3 साल पहले 10 MLA बीजेपी में चले गए थे

गोवा में कांग्रेस के लिए एक बार फिर से मुसीबत खड़ी हो गई है. विधानसभा चुनाव के 5 महीने के अंदर ही कांग्रेस के 11 में से 5 विधायकों के पाला बदलने की चर्चा हो रही है. कांग्रेस का कहना है कि 5 विधायकों से उसका संपर्क नहीं हो पा रहा है. 

कांग्रेस ने अपने दो विधायकों- माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर बीजेपी के साथ मिलकर पार्टी के खिलाफ 'साजिश' रचने का आरोप लगाया है. पार्टी ने माइकल लोबो को विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से भी हटा दिया है. कांग्रेस के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडु राव ने इस बात की जानकारी दी है. 

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गोवा में आज से तीन साल पहले भी ऐसा ही हुआ था. तब कांग्रेस के 10 विधायक एक साथ बीजेपी में चले गए थे. 

कौन बागी, कौन साथ?

- 40 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 11 विधायक हैं. इनमें से 5 विधायकों के बीजेपी में जाने की चर्चा तेज है. 

- दिनेश गुंडु राव ने बताया कि माइकल लोबो, दिगंबर कामत, केदार नाईक, राजेश फलदेसाई और डेलियाला लोबो से संपर्क नहीं हो पा रहा है.

- उन्होंने बताया कि एल्टन डी'कोस्टा, संकल्प अमोनकर, यूरी अलेमाओ, कार्लोस अल्वारेस फरेरा और रुडोल्फ फर्नांडिस साथ में हैं. छठे विधायक एलेक्सो सिकेरा पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं और कांग्रेस के साथ हैं.

क्या बागियों पर दल-बदल लागू होगा?

- अभी कांग्रेस के 5 विधायकों के पाला बदलने की चर्चाएं हो रहीं हैं. अगर ये पांच विधायक पाला बदलकर बीजेपी में जाते हैं, तो उन पर दल-बदल कानून लागू हो जाएगा. इसके तहत उनकी विधायकी पर खतरा आ जाएगा.

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- गोवा कांग्रेस प्रभारी राव ने बताया कि अगर पांच विधायक पाला बदलते हैं, तो उन्हें फिर चुनाव में उतरना होगा, क्योंकि उनके पास दो-तिहाई विधायकों का समर्थन नहीं है. इसलिए उन पर दल-बदल कानून लागू होगा.

- इसी बीच ऐसी भी खबरें हैं कि बागी विधायकों को दल-बदल से बचाने के लिए तीन और विधायकों से संपर्क किया जा रहा है. अगर बागियों के साथ 8 विधायक हो जाते हैं, तो उनकी सदस्यता पर कोई खतरा नहीं होगा.

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पांच बागी विधायकों ने इस पूरे घटनाक्रम पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है. हालांकि, बीजेपी से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि बागी विधायक उनके संपर्क में हैं.

अब आगे क्या हो सकता है? दो स्थिति...

1. बागी पार्टी छोड़ें और बीजेपी से चुनाव लड़ें

अभी कांग्रेस के पांच विधायक बागी हुए हैं और अगर ये पाला बदलते हैं तो उनकी सदस्यता जाने का खतरा है. अपनी सदस्यता बचाने के लिए कम से कम 8 विधायकों का पाला बदलना जरूरी है. अगर बागियों के साथ कोई और नहीं आता है तो बागी खुद पार्टी से और विधायकी से इस्तीफा दें और फिर बीजेपी में शामिल होकर उसके टिकट पर चुनाव लड़ें. 

2. कांग्रेस के 8 विधायकों को तोड़ लाएं

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कांग्रेस के पांच बागी विधायक तीन और विधायकों को अपने साथ ले आएं तो उनकी सदस्यता पर खतरा नहीं होगा. अगर 8 विधायक पाला बदलकर बीजेपी में जाते हैं तो इससे विधानसभा में बीजेपी की स्थिति और मजबूत हो जाएगी. 

विधानसभा में कैसे बदलेगा गणित?

- गोवा में इसी साल फरवरी में विधानसभा चुनाव हुए थे. 40 में से 20 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. इनके अलावा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के दो और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी बीजेपी के पास है.

- कांग्रेस ने 11 सीटें जीती थीं. इसके अलावा गोवा फॉरवर्ड पार्टी और रिवॉल्यूशनर गोअंस पार्टी की एक-एक सीट है. आम आदमी पार्टी ने 2 सीट हासिल की थी.

- अगर कांग्रेस के 5 विधायक भी बीजेपी में जाते हैं तो उसके पास विधानसभा में 30 विधायकों का समर्थन हो जाएगा. वहीं, विपक्ष में सिर्फ 10 विधायक ही बचेंगे.

 

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