
गोवा में 11 विधायकों में से 5 के पाला बदलकर बीजेपी में शामिल होने की चर्चा है. इस बीच कांग्रेस एक्शन मोड में आ गई है. कांग्रेस ने स्पीकर से माइकल लोबो और पूर्व सीएम दिगंबर कामत को पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है. बगावत की खबरों के बीच माइकल लोबो और कामत का भी बयान आया है. दोनों ने कहा है कि वे कांग्रेस के साथ हैं. हालांकि, उनपर जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, उससे वे नाराज हैं.
दरअसल, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के दो विधायक माइकल लोबो और पूर्व सीएम दिगंबर कामत सत्ताधारी बीजेपी के साथ मिलकर साजिश रच रहे हैं, ताकि कांग्रेस को तोड़ा जा सके. दिनेश गुंडू राव ने कहा, इन लोगों ने कांग्रेस के साथ रहकर सत्ता का मजा उठाया. लेकिन आज ये लोग लालची हो गए हैं. मैं माइकल लोबो और दिगंबर कामत से काफी निराश हूं. राजनीति में आपको आपके सिद्धांतों के लिए लड़ना होता है, न कि सत्ता के लिए. सत्ता तो आती जाती रहती है.
बगावत की खबरों के बीच क्या बोले माइकल लोबो और कामत
कांग्रेस ने माइकल लोबो को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष पद से हटा दिया गया. उन्होंने सोमवार को कहा कि कल से एक दिन पहले कांग्रेस के सभी विधायकों ने मिलकर प्रेस को संबोधित किया, हम भी वहां थे. कल, हम सब दक्षिण गोवा गए जैसे उन्होंने हमें बुलाया. अब वे प्रेसर कर रहे हैं. लोगों को भ्रमित करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?
उन्होंने कहा, हम कांग्रेस पार्टी के साथ हैं. गोवा कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव से कहा था कि मुझे नेता प्रतिपक्ष बने रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है क्योंकि सरकार द्वारा मेरे खिलाफ कई केस लगाए गए हैं, इसलिए मैंने कहा कि यह मुश्किल और दूसरों के लिए शर्मनाक होगा; किसी और को चुनें.
दिगंबर कामत ने कहा, मैंने दिनेश गुंडू राव की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो देखा है. मैं हैरान हूं, स्तब्ध हूं और उन्होंने मुझे शब्दों से परे चोट पहुंचाई है. मैं कांग्रेस के साथ हूं. लेकिन जो आरोप लगाए गए हैं, उनसे दुखी हूं.
Goa Political Crisis Big Updates:
- कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की खबरों के बीच गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा, हम और विधायक नहीं चाहते, हमारी सरकार स्थिर है. हालांकि, कहा जा रहा है कि बीजेपी दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए 5 बागी विधायकों के अलावा तीन और कांग्रेसी विधायकों को अपनी तरफ मिलाने की कोशिश में है.
- कांग्रेस ने स्पीकर से दिगंबर कामत और माइकल लोबो को पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है.
- कांग्रेस के विधायक दिगंबर कामत, माइकल लोबो, राजेश फलदेसाई, केदार नाइक और दलीला लोबो फिलहाल बागी हो गये हैं. अब बीजेपी की निगाह तीन और कांग्रेसी विधायकों पर है, जिससे दलबदल विरोधी कानून से बचा जा सके.
- 40 सीटों वाले गोवा में कांग्रेस के पास 11 विधायक
- नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो समेत 5 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा
- नेता प्रतिपक्ष पद से हटाए गए माइकल लोबो
- सोनिया गांधी ने पार्टी में टूट रोकने के लिए मुकुल वासनिक को भेजा
बता दें कि गोवा विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं. इसमें से बीजेपी गठबंधन (NDA) के 25 विधायक हैं. वहीं कांग्रेस के 11 विधायक हैं. इसमें से 5 बागी होते दिख रहे हैं.
कांग्रेस ने लोबो पर की कार्रवाई
कांग्रेस के लिए गोवा में मुसीबत बढ़ती जा रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 11 में से 5 विधायक पाला बदल सकते हैं. 40 सीटों वाले राज्य में कांग्रेस ने माइकल लोबो को विपक्ष के नेता के पक्ष से हटा दिया है. सोमवार से गोवा में विधानसभा सत्र शुरू होना है. लेकिन इससे पहले विधायकों से संपर्क टूटने के बाद रविवार देर शाम यहां पार्टी के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने लोबो को पद से हटाने का ऐलान किया.
दिनेश गुंडू राव ने कहा, इन लोगों ने कांग्रेस के साथ रहकर सत्ता का मजा उठाया. लेकिन आज ये लोग लालची हो गए हैं. मैं माइकल लोबो और दिगंबर कामत से काफी निराश हूं. राजनीति में आपको आपके सिद्धांतों के लिए लड़ना होता है, न कि सत्ता के लिए. सत्ता तो आती जाती रहती है.
बीजेपी में शामिल होने की है चर्चा
चर्चा है कि कांग्रेस के विधायक पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. ऐसा ही तीन साल पहले हुआ था. जब कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. गोवा में कांग्रेस में फूट की खबर ऐसे वक्त पर आई हैं, जब हाल ही में पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई है. शिंदे भी 20-21 जून को पार्टी के संपर्क से बाहर हो गए थे. इसके बाद वे सूरत और फिर गुवाहाटी में शिवसेना के बागी विधायकों के साथ ठहरे.
दिग्विजय सिंह बोले- ये लोकतंत्र नहीं
उधर, गोवा में संकट को लेकर एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह देखने की जरूरत है कि बागी विधायकों में कितनों पर ईडी और आईटी के केस चल रहे हैं. अगर आपको यह पता चल गया तो आपको यह भी पता चल जाएगा कि यह लोकतंत्र नहीं है. यह धनतंत्र है.