
बिहार के गया में रविवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक मालगाड़ी के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए. हालांकि, गनीमत रही कि इस हादसे में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. जानकारी के अनुसार, ये घटना गया के रसूलपुर के पास हुई. अधिकारियों के अनुसार, 'यह घटना शाम करीब 4.45 बजे हुई जब कोयले से लदी एक मालगाड़ी बेपटरी हो गई.' पूर्व मध्य रेलवे की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सरस्वती चंद्रा ने बताया कि इस घटना के बाद कई अधिकारी वहां पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
रेल अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. घटना के बाद ट्रेनों की सामान्य आवाजाही प्रभावित नहीं हुई। जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
9 अगस्त को कटिहार में हुआ था हादसा
बता दें कि इससे पहले बिहार के कटिहार में एक बड़ा रेल हादसा टला था. जब क्रॉस ओवर पर पेट्रोल से लदे 5 टैंकर पटरी से उतर गए थे. खुरियाल और कुमेदपुर बाइपास के पास यह हादसा हुआ था. यह हादसा कटिहार रेल मंडल में हुआ. इस हादसे के कारण रेलवे परिचालन बाधित हो गया था.
पिछले 3 साल में 131 रेल हादसे हुए
RTI के जरिए रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 7 जुलाई 2021 से 17 जून 2024 तक देश में 131 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं हैं, इनमें से 92 ट्रेन डिरेलमेंट की घटनाएं हैं. इन दुर्घटनाओं में 64 पैसेंजर ट्रेन और 28 मालगाड़ी शामिल हैं, पिछले तीन सालों में हर महीने 2 पैसेंजर ट्रेन और 1 मालगाड़ी डिरेल हुई है.
रेल कवच के लिए 1100 करोड़ रुपए आवंटित
भारतीय रेलवे में अबकी बार रेल कवच के लिए करीब 1100 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं. दावा है कि सभी रूट पर रेल कवच के लिए जरूरत 45 हजार करोड़ से ज्यादा की है, इस हिसाब से विपक्ष कहता है कि हर रूट पर टक्कर से ट्रेन को बचाने वाला सिस्टम लगाने में कई दशक लग जाएंगे, तो क्या तब तक जनता की जान सस्ती समझी जाएगी. (इनपुट-पंकज कुमार)