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सरकार का बड़ा फैसला, रेमडेसिविर की उत्पादन क्षमता बढ़ाने को दी मंजूरी

रेमडेसिविर की कमी जल्द ही दूर होने के आसार हैं. सात निर्माताओं की हर महीने की वर्तमान कुल क्षमता 38.80 लाख शीशी है. जबकि अन्य 30 लाख शीशियां हर महीने उत्पादन प्रक्रिया में हैं. ऐसे में 78 लाख शीशियां का उत्पादन हर महीने बढ़ जाएगी.

रेमडेसिविर के लिए अहमदबाद में एक अस्पताल के बाहर खड़े लोगों की भीड़ (पीटीआई) रेमडेसिविर के लिए अहमदबाद में एक अस्पताल के बाहर खड़े लोगों की भीड़ (पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:18 PM IST
  • हर महीने कुल उत्पादन क्षमता 38.80 लाख शीशी
  • 78 लाख तक रेमडेसिविर उत्पादन करने का लक्ष्य
  • करीब 4 लाख शीशियों को विदेश जाने से रोका गया

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेमडेसिविर की मांग देश में काफी बढ़ गई है और इसके लिए कई शहरों में लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है जबकि कई जगह इसकी कालाबाजारी भी हो रही है, इस बीच रेमडेसिविर की उपलब्धता को लेकर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने समीक्षा बैठक की और उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर सरकार ने सहमति दे दी.

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भारत सरकार के पत्तन, पोत और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रेमडेसिविर दवा के सभी मौजूदा निर्माताओं और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ 12 और 13 अप्रैल को आयोजित बैठकों में रेमडेसिविर की उपलब्धता के मुद्दे की समीक्षा की थी. इसमें रेमडेसिविर का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ इसकी कीमतों को कम करने को लेकर फैसले लिए गए हैं.

सात निर्माताओं की हर महीने की रेमडेसिविर दवा की वर्तमान उत्पादन क्षमता 38.80 लाख शीशी है. छह निर्माताओं को 10 लाख शीशियां प्रति महीने की उत्पादन क्षमता वाले सात अतिरिक्त स्थलों के लिए फास्ट-ट्रैक की अनुमति दी गई है. जबकि अन्य 30 लाख शीशियां हर महीने उत्पादन प्रक्रिया में है. इससे निर्माण क्षमता में लगभग 78 लाख शीशियां हर महीने बढ़ जाएंगी.

निर्यात पर भी लगा प्रतिबंध

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इसके अलावा अतिरिक्त उपाय के रूप में, घरेलू बाजार में रेमडेसिविर की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए डीजीएफटी द्वारा 11 अप्रैल को रेमडेसिविर, एपीआई और फॉर्मूलेशन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया. सरकार के हस्तक्षेप पर निर्यात के लिए रखी गई रेमडेसिविर की 4 लाख शीशियों को घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए रोक ली गई और निर्माताओं को दी गईं. ईओयू और सेज इकाइयों को भी घरेलू बाजार में आपूर्ति करने को लेकर सक्षम बनाया जा रहा है.

कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का समर्थन करते हुए रेमडेसिविर के निर्माताओं ने अपनी इच्छा से इस हफ्ते के अंत तक इसकी कीमत 3,500 रुपये से कम करने की बात कही है. वहीं रेमडेसिविर के निर्माताओं को अस्पताल और संस्थान के स्तर पर आपूर्ति को पूरा करने के लिए प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है.

यही नहीं, डीसीजीआई की ओर से केंद्र और राज्य सरकारों के प्रवर्तन अधिकारियों को रेमडेसिविर की कालाबाजारी, जमाखोरी एवं तय कीमत से ज्यादा लेने की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. नेशनल फॉर्मास्यूटिकल्स प्राइसिंज अथॉरिटी रेमडेसिविर की लगातार उपलब्धता की निगरानी कर रहा है.

रेमडेसिविर की कालाबाजारी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी की घटना सामने आ रही है. ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने भी इस संबंध में सख्त से सख्त सजा दिए जाने का आदेश दिया है. इस पर अंकुश लगाने के लिए राज्यों से कहा गया है कि अपने यहां ऐसी कालाबाजारी को लेकर रोक लगाएं.

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स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग रेमडेसिविर को लेकर कालाबाजारी कर रहे हैं और कृत्रिम रूप से इसकी कमी का माहौल बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए.
 

 

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