
बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान आंदोलनरत हैं. इसी बीच एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है. दरअसल सरकार पहलवानों से उनके मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हो गई है. केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है. बता दें कि बीते 3 जून यानी शनिवार की रात पहलवानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इस मीटिंग के बाद सरकार की ओर से एक बार फिर पहलवानों को उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलावा भेजा गया है.
सूत्रों के मुताबिक पहलवानों ने अमित शाह से मुलाकात के दौरान आंदोलन को लेकर चर्चा की थी. बैठक में मौजूद पहलवानों ने कहा कि महिला उम्मीदवार WFI अध्यक्ष पद संभाले और बृजभूषण सिंह के परिवार का कोई भी सदस्य डब्ल्यूएफआई में न हो. इसके साथ ही पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर भी अड़े थे. हालांकि तब बैठक का कोई निष्कर्ष नहीं निकला था. अब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों को चर्चा के लिए बुलावा भेजा है.
गृहमंत्री से बेनतीजा रही थी बातचीत
पहलवानों की गृहमंत्री से मुलाकात के बाद रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने आजतक से कहा था कि हमें गृह मंत्री से जो प्रतिक्रिया चाहिए थी वह नहीं मिली, सत्यव्रत ने कहा कि हम विरोध के लिए आगे की रणनीति बना रहे हैं. हम पीछे नहीं हटेंगे हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं.
23 अप्रैल से 28 मई तक पहलवानों ने दिया धरना
पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इन पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था. इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे. ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी. इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था.
जॉब पर लौट चुके हैं बजरंग, विनेश और साक्षी
रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रेलवे में अपनी जॉब पर वापस लौट गए हैं. हालांकि, साक्षी मलिक ने पहलवानों के आंदोलन से पीछे हटने की खबर से इनकार कर दिया है. साक्षी मलिक का कहना है कि सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं. दरअसल, खबरें थीं कि साक्षी मलिक पहलवानों के आंदोलन से पीछे हट गई हैं. हालांकि, साक्षी मलिक ने इन खबरों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि इंसाफ की लड़ाई में हम में से कोई न पीछे हटा है और न हटेगा. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी. इससे पहले साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी आंदोलन से पीछे हटने की खबरों को गलत बताया है.
FIR में क्या आरोप?
दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है, जिसमें एक से तीन साल की जेल की सजा है. पहली प्राथमिकी में 6 पहलवानों के आरोप शामिल हैं और इसमें डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम है.
- दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर आधारित है और POCSO अधिनियम की धारा 10 को भी लागू करती है, जिसमें पांच से सात साल की कैद होती है. जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है, वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक भारत और विदेशों में हुईं.