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'इधर-उधर की बातें बंद करें और भारत के नियम मानें', ट्विटर को केंद्र की दो टूक

सोशल मीडिया को लेकर बनाई गईं नई गाइडलाइंस को लेकर ट्विटर और सरकार के बीच ठन गई है. केंद्र सरकार की ओर से कड़े शब्दों में ट्विटर के बयान को लेकर जवाब दिया गया है.

ट्विटर ने नियम मानने से मना कर दिया है. (फाइल फोटो) ट्विटर ने नियम मानने से मना कर दिया है. (फाइल फोटो)
राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2021,
  • अपडेटेड 8:49 AM IST
  • आईटी मंत्रालय का ट्विटर को जवाब
  • सरकार ने कहा, कानून मानना होगा

सोशल मीडिया को लेकर बनाई गई नई गाइडलाइंस को लेकर ट्विटर और सरकार के बीच ठन गई है. केंद्र सरकार की ओर से कड़े शब्दों में ट्विटर के बयान को लेकर जवाब दिया गया है. सरकार ने कहा है कि ट्विटर को आईटी मंत्रालय की ओर से बनाए गए नियमों का पालन करना होगा.

सरकार की ओर से कहा गया है, "ट्विटर को इधर-उधर की बातें करनी बंद करनी होगी और भारत के नियमों को मानना होगा. कानून और नीतियां बनाना एक देश का विशेष अधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है. इसलिए भारत की कानूनी नीतियां क्या होनी चाहिए, इसमें उसका दखल नहीं होना चाहिए. ट्विटर का बयान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने की कोशिश जैसा है. ट्विटर भारत के लीगल सिस्टम को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है."

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ट्विटर ने एक बयान जारी कर कहा था कि वो उन गाइडलाइंस का पालन नहीं करेगा जो भारत सरकार ने आपराधिक गतिविधियां रोकने के लिए तैयार की हैं. सरकार ने ट्विटर के आरोपों को झूठा और आधारहीन बताते हुए इसे भारत को बदनाम करने की साजिश बताया है. 

Press Release by Ministry of Electronics and IT in response to the statements made by Twitter Inc. pic.twitter.com/hQxCGuoEaG

— Ministry of Electronics & IT (@GoI_MeitY) May 27, 2021

बता दें कि अपने ऑफिस पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को ट्विटर को 'डराने-धमकाने' वाली रणनीति बताया था. इस पर आईटी मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत में ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधि सुरक्षित हैं और रहेंगे और उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.

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सरकार ने ट्विटर को जवाब देते हुए कहा कि "ट्विटर उन्हीं रेगुलेशंस को मानने से इनकार कर रहा है, जिनके आधार पर उन्हें आपराधिक जिम्मेदारी से सुरक्षा मिलती है."

आईटी मंत्रालय की ओर से जारी बयान में लिखा है, "सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि अगर ट्विटर वाकई कमिटेड है तो उसने भारत में अब तक ऐसा मैकनिज्म तैयार क्यों नहीं किया? भारत में ट्विटर के जो प्रतिनिधि हैं, वो लगातार दावे करते हैं कि यहां कोई अथॉरिटी नहीं है, इसलिए उन्हें और भारतीय यूजर को हर बात के लिए अमेरिका स्थित ट्विटर हेडक्वार्टर से संपर्क करना होता है. भारतीय यूजर्स के लिए ट्विटर का कथित कमिटमेंट, न केवल खोखला लगता है बल्कि स्वयंभू भी है."

सरकार ने कहा कि ट्विटर के लिए भारत में एक बड़ा यूजरबेस है और यहां से उसे अच्छा रेवेन्यू भी मिलता है, उसके बावजूद ट्विटर भारत में नोडल अफसर या शिकायत अफसर नियुक्त करने के लिए तैयार नहीं है जिनसे भारतीय यूजर जरूरत पड़ने पर शिकायत कर सकें.

सरकार की ओर से ये भी कहा गया है कि नियम न तो मनमाने हैं और न ही रातोंरात बनाए गए हैं. आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वो लोगों के सवाल पूछने के अधिकार और निजता के अधिकार का सम्मान करते हैं.

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