
पांच राज्यों में हो रहे चुनाव ने आम आदमी की सेविंग पर चलने वाली कैंची को रोक दिया है. दरअसल, बुधवार को सरकार ने एक अप्रैल 2021 से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया था. अचानक आज सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करके जानकारी दी कि ब्याज दरों में कटौती का फैसला सरकार ने वापस ले लिया है.
माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में हो रहे चुनाव के कारण सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया है. विपक्ष ने भी यह सवाल उठाया. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि सरकार चुनाव के कारण डर गई है और फैसले को वापस ले लिया, लेकिन चुनाव के बाद कैंची फिर से चल सकती है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'चुनाव के डर से मोदी-शाह-निर्मला सरकार ने अपना गरीब व आम आदमी की Small Savings की ब्याज दर का निर्णय बदल दिया, धन्यवाद, लेकिन निर्मला जी यह वादा भी कर दीजिए कि चुनाव हो जाने के बाद भी आप फिर से ब्याज दर नहीं घटाएंगीं.'
अपने अगले ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने कहा, 'निर्मला जी यह भी हमें बता दें कि किसकी “Oversight” से यह आदेश निकले और ऐसे समय में जब भाजपा लोगों को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है यह आदेश कैसे निकल गया.' वहीं, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि चुनाव रैली में मोदी-शाह झूठे वादे कर रहे हैं, इसलिए ये फैसला वापस लिया गया.
ये भी पढ़ें- बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती का फैसला वापस, PPF-FD पर पहले जैसा मिलता रहेगा रिटर्न
वित्त मंत्रालय ने 18 घंटे में जिस फैसले को बदला है, उसके नोटिफिकेशन के मुताबिक, बचत खातों पर सालाना ब्याज की दर 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दी गई थी. बचत खाते के अलावा पीपीएफ खाते पर मिलने वाली ब्याज दर भी 7.1 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाला ब्याज 7.4 फीसदी से कम करके 6.5 फीसदी कर दिया गया था.
नोटिफिकेशन के मुताबिक, सरकार ने बेटियों के लिए शुरू की गई सुकन्या समृ्द्धि योजना में ऊंची ब्याज दरों की घोषणा की थी. अब तक सुकन्या समृद्धि खाता धारकों को सालाना 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता था, लेकिन अब ये ब्याज दर भी घटकर 6.9 फीसदी कर दी गई थी. सुकन्या समृद्धि खाते की ब्याज दरों में 0.7 फीसदी की कटौती का ऐलान किया गया था.