
इस साल सितंबर में आगरा क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण ताजमहल के मुख्य गुंबद की छत से पानी की कुछ बूंदें टपकती देखी गईं. यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को राज्यसभा में लिखित जवाब में दिया.
शेखावत से पूछा गया था कि क्या इस साल अधिक बारिश के कारण ताजमहल में दरारें, रिसाव या किसी प्रकार का नुकसान हुआ है. इस पर उन्होंने जवाब दिया, '10 से 12 सितंबर, 2024 के बीच आगरा क्षेत्र में लगातार तीन दिनों तक भारी बारिश हुई. 12 सितंबर को ताजमहल के मुख्य गुंबद की छत से कुछ पानी की बूंदें देखी गईं.' हालांकि, मंत्री ने कहा कि ताजमहल में 'कोई गंभीर' रिसाव, दरारें या नुकसान नहीं हुआ है.
निरीक्षण और मरम्मत के उपाय
उन्होंने बताया कि 'पानी छत की छोटी-छोटी जोड़ियों के जरिए अंदर पहुंचा था.' इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने तुरंत कार्रवाई की. शेखावत ने कहा, 'LiDAR और thermal scanning तकनीकों का इस्तेमाल कर विस्तृत निरीक्षण किया गया और जोड़ों व दरारों को सील कर पानी के रिसाव को रोकने के लिए उपाय किए गए.'
LiDAR यानी Light Detection and Ranging एक लेजर आधारित तकनीक है, जिसका इस्तेमाल संरचनाओं को स्कैन करने के लिए किया जाता है.
इससे पहले ताजमहल के मुख्य गुंबद की दीवार पर पौधा उगने और बारिश के पानी के रिसाव की खबरें सामने आई थीं. बताया गया था कि बारिश का पानी रिसकर मुगल सम्राट शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज महल की कब्रों तक पहुंच रहा था.
इस पर ASI ने कहा था कि भारी बारिश की वजह से यह समस्या हुई थी और इसे ठीक करने का काम जारी है. ASI ने यह भी स्पष्ट किया था कि ताजमहल में कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं है.
ताजमहल, जिसे 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. यह आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित है और अपनी सफेद संगमरमर की खूबसूरती और शानदार वास्तुकला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. हर साल लाखों पर्यटक इसे देखने आते हैं.