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नगालैंड में AFSPA छह महीने के लिए बढ़ी, सरकार ने कहा - यह नागरिकों की रक्षा के लिए जरूरी

केंद्र सरकार का मानना है कि नगालैंड में अशांति और खतरनाक स्थिति है. ऐसे में आम नागरिकों की सहायता के लिए सशस्त्र बलों की जरूरत है

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST
  • हाल ही में विचार करने को कमेटी बनाई गई थी
  • पांच सदस्यीय समिति को 45 दिन में देनी थी रिपोर्ट

नगालैंड में विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम यानी अफस्पा (AFSPA) को केंद्र सरकार ने 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है. ये फैसला तब लिया गया है, जब अफस्पा को वापस लेने पर विचार करने के लिए हाल ही में एक समिति बनाने का फैसला लिया गया था. केंद्र सरकार का मानना है कि नगालैंड में अशांति और खतरनाक स्थिति है. ऐसे में आम नागरिकों की सहायता के लिए सशस्त्र बलों की जरूरत है.

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हाल ही में नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने यह जानकारी दी थी गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 23 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में एक बैठक हुई. जिसके बाद अफस्पा (AFSPA) को वापस लेने पर विचार करने वाली एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था. इस समिति को 45 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने फैसला ले लिया है.

नगालैंड में अफस्पा हटाने पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई थी. इस समिति को इस पर मंथन करना था कि नगालैंड में अफस्पा को लागू रखा जाए या फिर हटा लिया जाए. साथ ही इसके महत्व को लेकर विमर्श करना है. इसकी अध्यक्षता गृह मंत्रालय के सचिव स्तर के अफसर विवेक जोशी कर रहे हैं.

दिसंबर की शुरुआत में नगालैंड के मोन जिले में एक घटना हुई थी. इसमें गलत पहचान के एक कथित मामले में काम से लौट रहे नागरिकों पर हमला किया गया था. इसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी.

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इस घटना के बाद से ही नगालैंड में AFSPA को निरस्त करने की मांग उठ रही थी. लेकिन अब सरकार ने फैसला लिया है कि 30 दिसंबर 2021 से नगालैंड को छह महीने के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया है. ऐसे में यहां अफस्पा लागू रहेगा.

 

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