Advertisement

बंगाल पर दिल्ली तक एक्टिविटी... गृहमंत्री अमित शाह से मिले गवर्नर सीवी आनंद बोस

राज्यपाल के गृहमंत्री से मुलाकात की खबरें आने के बाद एक बार फिर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं कि क्या पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग सकता है. दरअसल आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर केस के बाद कोलकाता लगातार विरोध-प्रदर्शनों से जूझ रहा है. इस पर राज्यपाल ने पूरे घटनाक्रम को राज्य सरकार की असफलता बताया था.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस. (Photo: X/@WBRajBhavan) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस. (Photo: X/@WBRajBhavan)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. वह आज सुबह 11:30 बजे इस मुलाकात के लिए पहुंचे थे. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल गुरुवार शाम को ही दिल्ली पहुंचे थे. सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर आरजी कर मामले समेत राज्य के ताजा हालात पर चर्चा की है. वह मामले में विस्तृत जानकारी सौंप सकते हैं, ऐसी भी खबरें हैं. पिछले सप्ताह भी राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलकर आरजी कर की घटना और इसके बाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी.

Advertisement

राज्यपाल के गृहमंत्री से मुलाकात की खबरें आने के बाद एक बार फिर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं कि क्या पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग सकता है? दरअसल आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर केस के बाद कोलकाता लगातार विरोध-प्रदर्शनों से जूझ रहा है. इस पर राज्यपाल ने पूरे घटनाक्रम को राज्य सरकार की असफलता बताया था. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस पूरे मामले पर कहा था कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है और बंगाल पुलिस का अपराधीकरण हो गया है.

राज्यपाल आनंद बोस ने आजतक के साथ बातचीत में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के सवाल पर भी जवाब दिया था. इससे पहले उन्होंने कोलकाता कांड की जानकारी राष्ट्रपति को दी थी. राज्यपाल आनंद बोस ने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र नहीं है. ममता बनर्जी की सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है. उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बिल्कुल नहीं निभाई. उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए. साथ ही पुलिस कमिश्नर को भी तुरंत हटाया जाना चाहिए.

Advertisement

राज्यपाल बोस ने कहा था कि संविधान ने मुझे शक्तियां दी हैं. बंगाल के हित में काम करता रहूंगा. लोगों की आवाज नहीं सुनी गई है. ये राज्यपाल और मुख्यमंत्री की लड़ाई नहीं है. मैंने राज्य की मौजूदा स्थिति को लेकर बार-बार सीएम से बात की थी. मैं सरकार से जो भी रिपोर्ट मांगता था, नहीं दी जाती थी. अब तक 30 रिपोर्ट मांग चुका हूं लेकिन सिर्फ एक ही रिपोर्ट मुझे दी गई है.

दो जनवरी 1951 को केरल के कोट्टयम में जन्मे बोस 1977 बैच के केरल कैडर के रिटायर्ड आइएएस अधिकारी रहे हैं. वर्तमान में वह मेघालय सरकार के सलाहकार के रूप में सेवा दे रहे थे. बोस को प्रशासनिक क्षेत्र में लंबा अनुभव है और वह कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. वे भारत सरकार के सचिव पद पर सेवा दे चुके हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement