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क्या सक्रिय राजनीति में लौटेंगे सत्यपाल मलिक? बताया गवर्नर पद से रिटायरमेंट के बाद क्या है प्लान

मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक खुले तौर पर केंद्र सरकार की आलोचना करते रहे हैं. खासकर, किसानों के सवाल पर वो सीधे केंद्र सरकार को टारगेट करने से गुरेज नहीं करते. इस बीच उन्होंने हरियाणा में किसानों के भी एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने भविष्य का प्लान भी बता दिया.

सत्यपाल मलिक (File Pic) सत्यपाल मलिक (File Pic)
विजेंद्र कुमार
  • जींद,
  • 07 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST
  • 'किसान पहले राज बदलें फिर खुद की सरकार बनाएं'
  • किसान की आधी मांगें पूरा होना अभी बाकी: मलिक

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सक्रिय राजनीति में आने के संकेत दिए हैं. रविवार को हरियाणा के जींद में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि वह 6 महीने बाद अपने पद से रिटायर हो जाएंगे. इस दौरान सत्यपाल मलिक ने उनका आगे का क्या प्लान है इसकी जानकारी भी शेयर की.

लगातार केंद्र सरकार की आलोचना से चर्चा में रहे सत्यपाल मलिक ने कहा, मैं रिटायर होने के बाद उत्तर भारत में लोगों को जोड़ने के लिए कैंपेन करूंगा.

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा, मैं किसानों को जागरुक करूंगा कि वह किसी और के पीछे दौड़ने की बजाय खुद की सरकार बनाएं. उन्होंने कहा कि किसान खुद को ताकतवर बनाएं. उन्होंने कहा कि किसानों को उनका हक तभी मिलेगा, जब उनका खुद का राज होगा. अभी तो सरकार ने किसानों की आधी बातें ही मानी हैं और कई मांगे अब भी बाकी हैं. 

MSP लागू न होने पर उठाए सवाल
सत्यपाल मलिक ने कहा,  MSP इसलिए लागू नहीं हो रही है क्योंकि प्रधानमंत्री का एक दोस्त है जिसका पानीपत में 50 एकड़ में एक गोदाम है जिसको तीनों कृषि कानूनों से पहले बनाया गया था. उसको सस्ता गेंहू चाहिए. मलिक ने कहा, वो किसानों से सस्ता अनाज लेगा और महंगा बेचेगा और यही लड़ाई है. इसलिए किसानों को सड़कों पर बैठने, धरना देने की बजाय अपना राज बनाने की जरूरत है.

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खापों की ओर से उन्हें पगड़ी और हुक्का भेंट किया गया. उन्होंने खापों द्वारा दिए गए किसान सम्मान रत्न को ग्रहण करने के बाद उन किसानों को वापस कर दिया, जिन्होंने किसान आंदोलन में अपनों की जान गंवाई.

पदों का कोई मतलब नहीं होता है...
सत्यपाल मलिक ने कहा, यहां पर पद का कोई मतलब नहीं होता है. मुझे किसान आंदोलन में किसानों के पक्ष में न बोलने के लिए राष्ट्रपति पद तक का लालच दिया गया लेकिन मैंने हर पद के लिए मना कर दिया. 



 

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