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दिल्ली ऑर्डिनेंस, डेटा प्रोटेक्शन समेत 21 बिल होंगे मॉनसून सत्र में सरकार के एजेंडे में शामिल

संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस सत्र के लिए सरकार के साथ-साथ विपक्ष ने भी खासी तैयारी की है. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बुलेटिन में मानसून सत्र के लिए कुल 21 विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया है.

संसद के मानसून सत्र में पेश होंगे कई अहम विधेयक संसद के मानसून सत्र में पेश होंगे कई अहम विधेयक
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

अगले सप्ताह (20 जुलाई) से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के लिए सरकार ने व्यक्तिगत डेटा संरक्षण, वन संरक्षण कानूनों में संशोधन और दिल्ली सेवाओं पर विवादास्पद अध्यादेश को सूचीबद्ध किया है. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बुलेटिन में मानसून सत्र के लिए कुल 21 विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया है. इनमें जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक, फिल्म पायरेसी रोकने, सेंसर प्रमाणन के लिए आयु-आधारित श्रेणियां पेश करने और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना के लिए एक मसौदा कानून भी शामिल है.

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023

मानसून सत्र में यह चर्चित अध्यादेश भी पेश किया जाएगा. यह वहीं अध्यादेश है जिसे लेकर केजरीवाल सरकार और केंद्र में ठनी हुई है. आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश पर तमाम दलों से समर्थन मांग रही है. इसके लिए केजरीवाल की पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है . AAP के लिए तो सबसे बड़ी परीक्षा यही रहनी है कि वो इस अध्यादेश को राज्यसभा में रोक सकें. इसके लिए उन्हें कई विपक्षी दलों से जुड़े राज्यसभा सांसदों के वोट की जरूरत होगी. 

जन विश्वास विधेयक
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2023 को अपनी मंजूरी थी जिसे अब संसद में पेश किया जाएगा. इस विधेयक में  कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 42 अधिनियमों में 183 प्रावधानों में संशोधन कर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से हटाने का प्रस्ताव किया गया है.

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निजी डेटा संरक्षण विधेयक
इस सत्र में सबसे अहम विधेयकों  में शामिल है डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक, 2023, जिसमें कंपनियों पर नियमों का उल्लंघन करने पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. इसका मकसद देश के नागरिकों की निजी डेटा की सुरक्षा करना है. इसके तहत यूजर के बिना मर्जी के उसका पर्सनल डेटा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. 

इन विधेयकों को भी किया जाएगा पेश

इनमें इनमें से एक बिल में जम्मू-कश्मीर की अनुसूचित जनजातियों की सूची में बदलाव की मांग भी शामिल है और दूसरी मांग छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जातियों की सूची में महरा और माहरा को मेहर, मेहरा और महार के पर्यायवाची के रूप में शामिल करने के लिए है. बुलेटिन के अनुसार, एक विधेयक में वाल्मिकी समुदाय को चुरा, भंगी, बाल्मीकि और मेहतर के पर्याय के रूप में जम्मू-कश्मीर की अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने का भी प्रावधान है.

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023, एसईआरबी (विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड) अधिनियम, 2008 को निरस्त करने के अलावा, राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना का प्रावधान करता है. एक अन्य विधेयक रेलवे अधिनियम, 1989 के प्रावधानों को शामिल करके भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 को निरस्त करने का प्रावधान है. 

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सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023

प्रदर्शनियों के लिए फिल्मों को मंजूरी देने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और बदलते समय के अनुरूप बनाने के लिए अधिनियम में फिल्म पायरेसी की जांच करने, प्रमाणन की आयु-आधारित श्रेणियां पेश करने और मौजूदा अधिनियम में अनावश्यक प्रावधानों को हटाने के प्रावधान शामिल हैं.

जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023

पिछले पांच दशकों के दौरान समाज में प्रगतिशील परिवर्तनों को समायोजित करने, पंजीकरण प्रक्रिया को लोगों के अनुकूल बनाने और पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटाबेस का उपयोग करके राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अन्य डेटाबेस को अपडेट करने का प्रयास. 

 

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