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जीपीएस लोकेशन, ड्रोन तस्वीरें, खोजी कुत्ते... वायनाड में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी, 300 लोग लापता

सेना द्वारा बनाए गए बेली ब्रिज से रेस्क्यू ऑपरेशन को गति मिली है. पुल की मदद से टीमें उत्खननकर्ताओं और एम्बुलेंस सहित भारी मशीनरी को सबसे अधिक प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला गांवों तक ले जा सकीं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मानव क्षति का सटीक आंकड़ा तब सामने आएगा जब बचाव दल भारी मशीनरी का इस्तेमाल करके मलबे और लकड़ी से ढके घरों को साफ करेंगे.

वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी (फोटो: PTI) वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी (फोटो: PTI)
aajtak.in
  • वायनाड,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

वायनाड में भयानक भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है. रेस्क्यू टीम मलबे के नीचे दबे जीवित बचे लोगों का पता लगाने के लिए लोगों की लास्ट लोकेशन, ड्रोन तस्वीरों और सेल फोन से जीपीएस कोऑर्डिनेट्स का इस्तेमाल कर रही है. सेना द्वारा 190 फीट का बेली ब्रिज बनाने के बाद सर्च ऑपरेशन को तेजी मिली है.

लैंडस्लाइड के चौथे दिन पदवेट्टी कुन्नू के पास एक इलाके में एक घर से चार लोगों के एक परिवार को बचाया गया, जिससे जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे सैकड़ों बचावकर्मियों में उम्मीद जगी है. लगभग 300 लोग अभी भी लापता हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है.

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300 से ज्यादा लोगों की मौत

30 जुलाई की तड़के वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. रेस्क्यू में जुटे बचावकर्मियों को अब तक 195 शव ही मिले हैं. बाकी, लोगों की मौत की पुष्टि उनके बॉडी पार्ट्स से की गई है. 

सेना द्वारा बनाए गए बेली ब्रिज से रेस्क्यू ऑपरेशन को गति मिली है. पुल की मदद से टीमें उत्खननकर्ताओं और एम्बुलेंस सहित भारी मशीनरी को सबसे अधिक प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला गांवों तक ले जा सकीं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मानव क्षति का सटीक आंकड़ा तब सामने आएगा जब बचाव दल भारी मशीनरी का इस्तेमाल करके मलबे और लकड़ी से ढके घरों को साफ करेंगे.

शरीर के अंगों की चल रही जेनेटिक टेस्टिंग

अधिकारियों ने बताया कि शरीर के कई और अंग इकट्ठा कर लिए गए हैं और अवशेषों की पहचान के लिए जेनेटिक टेस्टिंग चल रही है. लगभग 40 बचाव दल खोजी कुत्तों के साथ भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. संयुक्त टीमों में सेना, एनडीआरएफ, डीएसजी, तटरक्षक बल और नौसेना के कर्मी शामिल हैं. इसके साथ ही पुलिस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करके एक और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.

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तटरक्षक और नौसेना के साथ वन विभाग के कर्मचारी उन जगहों पर भी खोज करने जा रहे हैं, जहां शवों के बहकर आने की संभावना है. मिट्टी में दबे शवों का पता लगाने के लिए दिल्ली से ड्रोन आधारित रडार शनिवार को आने वाला है. तलाशी अभियान में 6 कुत्तों की भी मदद ली जा रही है. आज तमिलनाडु से 4 और कुत्ते लाए जाएंगे.

वायनाड में आए तीन भूस्खलन

बता दें कि वायनाड में पहली लैंडस्लाइड 30 जुलाई की सुबह तड़के करीब 2 बजे हुई. इसके बाद सुबह करीब 4.10 बजे फिर एक बार लैंडस्लाइड हुई. इसके साथ ही तीसरी बार फिर लैंडस्लाइड हुई. लैंडस्लाइड में वायनाड के 4 गांव मलबे के ढेर में तब्दील हो गए, जिनमें से लोगों को निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति के साथ मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.

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