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विलुप्त हो रही ये प्रजाति, सिर्फ 100 पक्षी बचे... सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा प्लान

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी को बचाने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि से कहा कि वे वन मंत्रालय से पूछे. SC ने पूछा कि क्या प्रोजेक्ट टाइगर की तरह प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के तहत इन पक्षियों को बचाया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछे सवाल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछे सवाल
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

विलुप्त प्रजाति के ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षियों को बचाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. आज सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान और गुजरात में इन पक्षियों के प्राकृतिक आवासों से होकर गुजरने वाली ओवरहेड पावर केबल को भूमिगत केबल के साथ बदलने की मांग के मामले में सुनवाई हुई.

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी को बचाने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि से कहा कि वे वन मंत्रालय से पूछे कि क्या प्रोजेक्ट टाइगर के समान प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के तहत इन पक्षियों को बचाया जा सकता है.

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विलुप्त हो रही है प्रजाति
  
गौरतलब है कि बिजली के हाइटेंशन तारों और विंड मिल्स के चलते राजस्थान का राज्य पक्षी विलुप्त होने की कगार पर है. महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्य में ये पक्षी पहले ही करीब-करीब खत्म हो चुके हैं. देशभर में 100 से भी कम बचे इन पक्षियों पर सुप्रीम कोर्ट ने भी एक कमेटी गठित की है.

100 से भी कम बची है संख्या

दरअसल, राजस्थान का शानदार राज्य पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड यानि तिलैय्या कभी हजारों की तादात में गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी पाया जाता था. लेकिन अब गुजरात में इस तरह के महज चार या पांच नर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड बचे हैं. जबकि राजस्थान में 100 से भी कम मादा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड बची हैं. इनकी घटती तादाद को देखते हुए भारत सरकार ने जैसेलमेर में इन पक्षियों के लिए एक सेंटर बनाया है.

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ग्रेट इंडियन बस्टर्ड कौन सा पक्षी है?

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB), राजस्थान, राज्य का पक्षी है. पक्षी को 'प्रमुख घास के मैदान की प्रजाति' के रूप में जाना जाता है और कहा जाता है कि यह पारिस्थितिकी के स्वास्थ्य को दर्शाता है. यह भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देशी पक्षी है जो उड़ सकता है. इसे स्थानीय रूप से गोदावन के नाम से भी जाना जाता है.

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