
अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में आयुष्मान योजना के पैसे हड़पने के लिए फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद बड़ा एक्शन लिया गया है. बता दें कि पैसों के लालच में ख्याति अस्पताल में 19 एंजियोग्राफी और 7 एंजियोप्लास्टी के बाद 2 मरीजों की मौत हो गई थी. अब गुजरात सरकार ने एक SOP जारी की है, ताकि कोई प्राइवेट अस्पताल 'PMJAY' योजना के तहत किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा ना कर सके.
गुजरात में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत ख्याति अस्पताल के अलावा भी राज्य में कुछ और एमपैनल्ड अस्पताल भी नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़े गए थे, जिसके बाद गुजरात सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने 'PMJAY' योजना के तहत नई SOP जारी की है.
नई SOP जारी करते हुए गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कई जानकारियां दी हैं. इस साल अब तक 14 से अधिक अस्पतालों को निलंबित करके पैनल से हटाकर दंडित किया गया है. इसके अलावा ऐसे अस्पतालों पर 18 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है. कुछ मामलों में डॉक्टरों को इस योजना से स्थायी रूप से हटा दिया गया है.
क्या हैं नई SOP
> कार्डियोलोजी सेवाओं के लिए कार्डिओलोजिस्ट तथा कार्डिओथोरेसिक सर्जन के साथ फुल टाइम काम करने वाले सेंटर को ही कार्डिओलोजी के क्लस्टर के तौर पर मान्यता दी जाएगी.
> अस्पतालों को फुल टाइम कार्डियाक अनेस्थेटिस्ट और फिजिओथेरपिस्ट रखना जरूरी रहेगा. अगर किसी मामले में तत्काल इलाज की जरूरत हो तो ऐसे केस में कार्डिओलोजी की सेवा देने वाले सेंटर एंजियोप्लास्टी कर सकेंगे.
> अस्पतालों को एंजिओग्राफी और एंजिओप्लास्टी की CD/विडियोग्राफी प्री-ओथ के समय अपलोड करनी होगी. इमरजेंसी केस में CD/विडियोग्राफी इलाज के बाद भी अपलोड की जा सकेगी.
> मरीज की जरूरत के मुताबिक मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का एक संयुक्त पैनल ट्यूमर बोर्ड के तौर पर निर्णय लेकर ट्यूमर बोर्ड प्रमाणपत्र में मरीज की उपचार योजना निर्धारित करेगा. ट्यूमर बोर्ड सर्टिफिकेट भी अपलोड करना अनिवार्य होगा.
> मरीज को जरूरी इलाज हासिल हो इस लिए आईजीआरटी यानी इमेज गाइडेड रेडिएशन थेरेपी में सीबीसीटी (कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी सिस्टम) इमेज को किलो वोट में लेना अनिवार्य किया गया है. किन ट्यूमर पर यह थेरेपी की जा सकती है, इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन भी बनाई गई है.
> अस्पताल को रेडियोथेरेपी मशीनों के लिए निर्धारित गुणवत्ता नियंत्रण मापदंडों का पालन करते हुए अनिवार्य रूप से रिकॉर्ड बनाए रखना होगा.
> सर्वाइकल कैंसर, योनि कैंसर या महिलाओं में अन्य कैंसर जहां ब्रैकीथेरेपी आवश्यक है. ऐसे मामलों में जिस अस्पताल में ब्रेकी थेरेपी की सुविधा है, केवल उन्हें ही PMJAY के तहत उपचार प्रदान करना होगा. ब्रेकी थेरेपी के लिए अगर अस्पताल किसी से टाई-अप करता है तो वह नियमों के खिलाफ होगा.
> नियोनेटल ईंटेंसिव केर यूनिट या स्पेशल न्यूबोर्न केर यूनिट में बच्चों के गुणवत्तापूर्ण उपचार को सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल को माताओं की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए अनिवार्य रूप से सीसीटीवी लगाना होगा.
> तालुका स्वास्थ्य अधिकारी को समय-समय पर नियोनेटल ईंटेंसिव केर यूनिट का दौरा करना होगा और स्टेट हेल्थ एजेंसी को रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा. जिसके लिए ऑनलाइन विजिट मॉड्यूल पोर्टल भी जल्द ही चालू होगा, ताकि प्रत्येक विजिट की प्रभावी निगरानी की जा सके.
> नवजात शिशुओं की विशेषज्ञता में पैनल में शामिल करने के लिए पूर्णकालिक बाल रोग विशेषज्ञों को अनिवार्य किया गया है, ताकि शिशुओं को चौबीसों घंटे देखभाल मिल सके. बाल चिकित्सालयों के लिए योजना की गाइडलाइन के अनुसार नर्सिंग स्टाफ भी मरीज के बिस्तर के अनुरूप रखना होगा.