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फ्रांस के 'Dunki Flight' केस में गुजरात पुलिस की एंट्री, एजेंट्स को ढूंढने के लिए बनीं 4 टीमें

मानव तस्करी के आरोप में चार दिनों तक फ्रांस में खड़ी रहने वाली फ्लाइट मुंबई लौट गई है. अब गुजरात पुलिस की सीआईडी टीम इस मामले में गहन पूछताछ करने वाली है. पुलिस यह जानना चाहती है कि इस तरह कितने लोगों को विदेश भेजने का सपना दिखाकर निकारागुआ भेजा गया.

फ्रांस से मुंबई लौटी फ्लाइट में सवार यात्री. (File Photo) फ्रांस से मुंबई लौटी फ्लाइट में सवार यात्री. (File Photo)
अतुल तिवारी
  • अहमदाबाद,
  • 27 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST

फ्रांस में चार दिनों तक फंसे रहने के बाद भारतीय यात्रियों समेत 303 पैसेंजर वाला प्लेन मुंबई पहुंच गया. इसमें 276 यात्री वापस लौटे हैं. निकारागुआ जा रहे रोमानिया की लीजेंड एयरलाइंस के इस प्लेन को फ्रांस के वैट्री एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था. आरोप था कि फ्लाइट एयरबस A340 में मानव तस्करी की जा रही है. दरअसल, निकारगुआ जा रही फ्लाइट कुछ देर के लिए वैट्री एयरपोर्ट पर रुकी थी, जिसके बाद 25 यात्रियों ने फ्लाइट पर चढ़ने से इनकार कर दिया था. इन पैसेंजर्स ने फ्रांस से शरण मांग ली थी. ये 25 लोग अभी फ्रांस में ही हैं. अब इस मामले में गुजरात पुलिस की एंट्री हो गई है.

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फ्लाइट में सवार ज्यादातर यात्री गुजरात के बताए जा रहे हैं, जिसके बाद अब गुजरात पुलिस यात्रियों से पूछताछ करने का प्लान बना रही है. पुलिस लोगों को झूठे सपने दिखाकर विदेश भेजने वाले गिरोह के एजेंट्स और उनके नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश में जुट गई है. इसके लिए बकायदा टीमों का गठन किया गया है. ये टीमें फ्लाइट में लौटने वाले यात्रियों से पूछताछ करेगी. बता दें कि इस फ्लाइट को डंगी फ्लाइट भी कहा जा रहा है, क्योंकि बिना दस्तावेजों के यूरोपीय देशों और अमेरिका में दाखिल होने वाले लोगों को डंकी ही कहा जाता है.

पीड़ितों से पूछताछ करेगी CID की 4 टीमें

सीआईडी क्राइम की टीम उन लोगों को ढूंढने में जुट गई है, जिन्होंने फ्लाइट में सवार यात्रियों को अमेरिका और दूसरे देशों में (अवैध रूप से) प्रवेश करने में मदद करने का वादा किया था. सीआईडी (क्राइम) के पुलिस अधीक्षक संजय खरात ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए चार टीमों का गठन किया गया है. ये टीमें पीड़ितों से पूछेगी कि उनसे किस तरह के वादे किए गए थे. संजय खरात ने बताया कि फ्लाइट में सवार ज्यादातर यात्री गुजरात के बनासकांठा, पाटन, मेहसाणा और आनंद जिलों से थे. ये यात्री जब मुंबई से गुजरात पहुंचेंगे तो पुलिस उनसे पूछताछ करेगी.

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कई एंगलों पर जांच करेगी गुजरात पुलिस

पुलिस अधीक्षक संजय खरात ने आगे बताया कि पुलिस यह पता करने की कोशिश में लगी है कि क्या यात्रियों को अमेरिका और दूसरे देशों में जाने के लिए दिए गए दस्तावेज जाली थे. यह भी पता किया जाएगा कि कितने लोगों को इस तरह से विदेश भेजा गया है और कौन लोग इस तरह से यात्रा करना चाह रहे हैं. खरात ने कहा कि अवैध घुसपैठ में शामिल अलग-अलग एजेंट मिलकर काम करते हैं. गांव और जिला स्तर पर काम करने वाले एजेंट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाला सरगना नियंत्रित करता है.

कैसे फ्रांस में फंस गया था यात्री विमान

दरअसल, 21 दिसंबर को रोमानिया स्थित लीजेंड एयरलाइंस का विमान दुबई से निकारागुआ जा रहा था. इस फ्लाइट में कुल 303 भारतीय नागरिक सफर कर रहे थे. इनमें करीब 11 नाबालिग भी शामिल थे. जब यह फ्लाइट फ्यूल भरवाने के लिए फ्रांस की राजधानी पैरिस से 150 किमी दूर छोटे से एयरपोर्ट वैट्री पर लैंड हुई तो वहां इसे रोक दिया गया. फ्रांस के अधिकारियों ने यात्रा की स्थितियों और उद्देश्य की न्यायिक जांच शुरू कर दी. इसमें संगठित अपराध में विशेषज्ञता रखने वाली एक टीम को संदिग्ध मानव तस्करी की जांच करने के निर्देश दे दिए गए. इस मामले को आव्रजन कानूनों के उल्लंघन के दायरे में भी रखा गया.

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चालक दल को पूछताछ के बाद जाने दिया

करीब 100 घंटे की जांच और पैसेंजर से पूछताछ के बाद फ्रांस के अधिकारियों ने विमान को रवाना करने के लिए हरी झंडी दे दी. यानी गुरुवार से रविवार तक चार दिन यह फ्लाइट फ्रांस में खड़ी रही. घटना के बाद एयरलाइंस की वकील लिलियाना बकायोको ने कहा था कि एयरबस A340 के चालक दल के सभी सदस्यों को पूछताछ के बाद उन्हें जाने की अनुमति दे दी गई. उन्होंने इससे पहले कहा था कि अगर अभियोजकों ने एयरलाइंस के खिलाफ आरोप दायर किए तो वह भी मुकदमा दायर करेंगे.

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