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'सबूत के बाद भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई...', गुरुग्राम बाइक-SUV हादसे के चश्मदीद का दावा

हादसे में मृतक के दोस्त और चश्मदीद प्रद्युमन ने कहा, "आरोपी ड्राइवर तब तक कार से बाहर नहीं आया, जब तक कि प्रद्युमन और अन्य लोगों ने उसे मजबूर नहीं किया. आरोपी ने कथित तौर पर कार से बाहर निकलने के बाद फोन किया था."

गुरुग्राम बाइक-SUV हादसा गुरुग्राम बाइक-SUV हादसा
श्रेया चटर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:56 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) से सटे सूबे हरियाणा के गुरुग्राम में रविवार को एक बाइक और महिंद्रा 3XO एसयूवी के बीच हुई जानलेवा टक्कर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस हादसे में हाई स्पीड बाइक चला रहे अक्षत गर्ग नाम के युवक की मौत हो गई थी. मृतक अक्षत गर्ग रविवार रात काफी तेज रफ्तार में बाइक से जा रहा था, तभी गलत साइड से आ रही महिंद्रा 3XO ने बाइक सवार को टक्कर मार दी. टक्कर लगते ही अक्षत बाइक से उछल कर कार के पीछे सड़क पर दूर जा गिरा था. इस दौरान एंबुलेंस के जल्दी पहुंचने के बावजूद अक्षत गर्ग को बचाया नहीं जा सका.

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मृतक अक्षत गर्ग के दोस्त प्रद्युम्न ने हादसे के पीछे जिम्मेदार कार मालिक की शिकायत की. अक्षत गर्ग के पीछे चल रहे प्रद्युमन की बाइक पर लगे गो-प्रो कैमरा ने पूरी घटना को रिकॉर्ड कर लिया था. 

पुलिस पर लग रहा है आरोप

मृतक के दोस्त प्रद्युमन का कहना है, "घटना के दिन पुलिस ने  यह फुटेज नहीं ली, जबकि पुलिस ने इसे देखा था. आरोपी दाईं ओर की लेन में गलत दिशा से आ रहा था, जो हाई स्पीड से गाड़ी चलाने की लेन है."

उन्होंने आगे बताया कि बुधवार को हादसे के तीन दिन बाद पुलिस ने फुटेज के लिए मुझसे संपर्क किया, जबकि आरोपी इससे पहले ही जमानत पर बाहर आ चुका था. आरोपी को रविवार और सोमवार को छुट्टी होने के बावजूद तुरंत जमानत मिल गई थी.

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राजनेताओं से आरोपी का कनेक्शन?

प्रद्युमन ने कहा, "आरोपी ड्राइवर तब तक कार से बाहर नहीं आया, जब तक कि प्रद्युमन और अन्य लोगों ने उसे मजबूर नहीं किया. आरोपी ने कथित तौर पर कार से बाहर निकलने के बाद फोन किया था."

उन्होंने बताया कि अक्षत और कार दोनों 70-80 किलोमीटर की स्पीड में थे, रोड पर न्यूनतम स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा है. हमें बाद में पता चला कि आरोपी एक कंपनी का मालिक है, जो राजनेताओं के लिए सोशल मीडिया अभियान चलाती है.

'सबूत के बाद भी सक्रियता से नहीं हुई कार्रवाई'

मृतक के दोस्त ने दावा किया कि मामले में पुलिस का रवैया लापरवाह था, सबूत जुटाने में एक्टिव होना चाहिए था. वीडियो एक सबूत था, उन्होंने सक्रियता से कोई कार्रवाई नहीं की. 

उन्होंने कहा कि अगर पुलिस की सतर्कता उस जगह पर होती, तो वे गलत दिशा में जा रही कार को रोक सकते थे. 

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