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'अज्ञात इमाम आपके गांव आए तो पुलिस को बताएं', असम के लोगों से बोले CM हिमंत बिस्वा सरमा

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने लोगों से कहा है कि अगर उनके गांव में कोई अज्ञात इमाम आए तो वे पुलिस को सूचित करें. दरअसल, असम के गोलपारा में 20 अगस्त को दो इमामों को पकड़ा गया था. उनपर आरोप है कि ये मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहे थे.

असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो) असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

असम से दो इमामों के पकड़े जाने के बाद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सख्ती दिखाई है. उन्होंने आदेश दिया है कि असम में दूसरे राज्य से आने वाले इमामों का अब पुलिस वेरिफिकेशन होगा. लोगों से भी कहा गया है कि किसी अनजान इमाम के आने पर वे पुलिस को जानकारी दें.

असम के गोलपारा में 20 अगस्त को दो इमामों को पकड़ा गया था. उनपर आरोप है कि ये मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहे थे.

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अब सीएम हिमंत बिस्वा ने कहा कि हमने कुछ SoP (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार की है. अगर कोई ऐसा इमाम आपके गांव आता है जिसको आप नहीं जानते तो फिर फटाफट पुलिस स्टेशन में जानकारी दें. फिर उनका वेरिफिकेशन होगा. इसके बाद ही इमाम वहां रुक पाएंगे. असम के हमारे मुस्लिम समुदाय के लोग इसमें हमारी मदद कर रहे हैं.

हिमंत बिस्वा ने आगे कहा कि हम लोग इमाम और दूसरे राज्यों से मदरसे में आ रहे लोगों के लिए भी पोर्टल बना रहे हैं. जो लोग असम से ही हैं उनको इसमें रजिस्टर करने की जरूरत नहीं है. असम के बाहर के लोगों को इसमें रजिस्टर करना होगा.

पकड़े गए इमामों के बताए जा रहे AQIS से लिंक

असम के गोलपारा में 20 अगस्त को दो इमामों को पकड़ा गया था. उनपर आरोप है कि ये मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहे थे. साथ ही साथ इनके भारतीय उपमहाद्वीप इन अलकायदा (AQIS) से भी लिंक बताए जा रहे हैं.

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दोनों को 20 अगस्त को हिरासत में लिया गया था, फिर 21 अगस्त को इनको गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया था कि ये दोनों बांग्लादेश से चलाए जा रहे आतंकी संगठन के संपर्क में थे. पुलिस ने इनपर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया है. कहा गया है कि इस मामले में और गिरफ्तारी भी हो सकती हैं.

गिरफ्तार इमामों के नाम अब्दुस सोबहानी (Abdus Sobahan) और जलालुद्दीन हैं. आरोप है कि दोनों पिछले तीन या चार साल से युवाओं को कट्टरपंथी बनाना की साजिश कर रहे थे.

 

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