
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब काशी के सांस्कृतिक उद्भव की शुरुआत हो गई है. बीते बुधवार की रात इसकी साक्षी बनीं, जब ज्ञानवापी के वजूखाने के भीतर व्यास तहखाने में पारंपरिक पद्धति के साथ न सिर्फ मूर्तियों की स्थापना की गई, बल्कि उनका षोडषोपचार पूजन भी किया गया. बता दें कि अभी हाल ही में हुए ASI के सर्वे में ये स्पष्ट हो गया था कि ज्ञानवापी की मस्जिद, एक पुराने भव्य हिंदू मंदिर के ढांचे पर बनाई गई थी, जिसमें हिंदू मंदिर संस्कृति के कई चिह्न दीवारों और खंभों पर अंकित मिले थे.
वाराणसी जिला कोर्ट ने दी थी पूजा की इजाजत
वाराणसी की जिलाकोर्ट ने व्यास खाने में पूजा की इजाजत दी थी, इसके बाद बुधवार को अष्ट देवताओं की मूर्तियां रखकर पूजा की गई है. हिंदू पक्ष के वकील ने गुरुवार को इस बाबत कहा कि, यह हमारे मुख्य लक्ष्य की ओर एक कदम है. मैं प्रशासन को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने आदेश का पालन किया.
वकील विष्णु शंकर जैन ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि, कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन किया है और इसके बाद पूजा पाठ शुरू कर दिया गया है. बेरकेडिंग करके गेट बना दिया गया है. वहां जो देवी-देवता पहले स्थापित थे, उन्हें वहां विराजमान करके उनकी पूजा शुरू कर दी गई है.
अष्ट प्रतिमाओं की स्थापना, अखंड ज्योति जलाई गई
व्यास तहखाने में एक-एक विष्णु और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है. दो हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई है. जोशीमठ की 2 प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं और एक मकर की प्रतिमा है. इसके अलावा यहां एक अखंड दीप स्थापित किया गया है. पूजा शुरू होने के साथ ही इस परिसर में अब आरती का समय भी तय कर दिया है. मंदिरों में होने वाली आरती परंपरा की ही तरह यहां पांच आरतियां होंगी.
इनका समय सुबह 3:30 बजे से रात 10:30 बजे तक का है.
मंगला आरती - सुबह 3:30 बजे
भोग आरती - दोपहर 12 बजे
अपरान्ह आरती - शाम 4 बजे
सांयकाल आरती - शाम 7 बजे
शयन आरती- रात्रि 10:30 बजे
पूजा का वीडियो आया सामने
ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिल गया है. वाराणसी की जिला कोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिया था कि 7 दिनों के अंदर पूजा की सभी व्यवस्थाएं पूरी की जाएं. अदालत के आदेश के बाद ही प्रशासन ने देर रात करीब 12.30 बजे तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए और व्यास जी के तहखाने को खोलकर करीब दो बजे तक पूजा-पाठ शुरू करवा दी. भगवान शिव समेत आठ देवों की पूजा करते हुए वीडियो भी सामने आया है.
पूजा के दौरान अपनाईं गईं ये विधियां
1. सबसे पहले रात 12 बजे के करीब पंचगव्य से तहखाना शुद्ध किया गया.
2. प्रतिमाओं का षोडशोपचार पूजन हुआ.
3. गंगाजल और पंचगव्य से मूर्तियों को स्नान कराया गया.
4. इसके बाद देवता महागणपति का आह्वान किया गया.
5. फिर सभी विग्रह को चंदन, पुष्प, अक्षत धूप दीप-नैवेद्य चढ़ाया गया और आरती की गई.
6. व्यास जी के तहखाने में लगभग आधे घंटे तक पूजन हुआ.
व्यास तहखाने में किन देवताओं की हुई पूजा?
1. व्यास तहखाने में विष्णु भगवान की एक प्रतिमा
2. गणेश भगवान की एक प्रतिमा
3. हनुमानजी की दो प्रतिमाएं
4. जोशीमठ की दो प्रतिमाएं
5. एक राम नाम लिखा हुआ पत्थर
6. एक मकर
7. अखंड ज्योति की स्थापना
देर रात बनाया गया बैरिकेडिंग से रास्ता
देर रात व्यास परिवार की ओर पूजा की गई थी. प्रशासन ने रात में ही इसकी तैयारी कर ली थी. वाराणसी जिला अदालत की ओर से ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजन-अर्चन की अनुमति दिए जाने के बाद देर रात बैरिकेडिंग से रास्ता बनाते हुए व्यास जी का तहखाना खोल दिया गया.
इसके लिए डीएम एस. राजलिंगम और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन समेत बड़े अधिकारी रात भर डटे रहे. रात 1.50 बजे परिसर से बाहर निकले डीएम ने कहा कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की याचिका
वहीं मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट द्वारा दिए गए पूजा करने के अधिकार वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और तुरंत सुनवाई की मांग की थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया और मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट में जाने के लिए कहा था.