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यूपी के बाद बिहार और कर्नाटक में हलाल उत्पादों पर बैन की उठी मांग, BJP नेताओं ने छेड़ा अभियान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि राज्य में अनेक खाद्य पदार्थों और आवश्यक सामग्रियों जैसे तेल, नमकीन, दवा, मिठाई, कॉस्मेटिक्स आदि का हलाल कारोबार हो रहा है. इस तरह के उत्पादों के लिए मानक से संबंधित प्रमाणन जारी करने के लिए फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ही वैध संगठन या संस्थान है.

बिहार और कनार्टक के बीजेपी नेताओं ने भी अपने राज्य में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर बैन की मांग की है. बिहार और कनार्टक के बीजेपी नेताओं ने भी अपने राज्य में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर बैन की मांग की है.
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 23 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा राज्य में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद ​अब बिहार और कर्नाटक में भी इसकी मांग उठी है. कर्नाटक में भाजपा के नेताओं ने भारत के सभी राज्यों में खाद्य पदार्थों, दवाओं और कॉस्मेटिक उत्पादों के हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री और​ बिहार के बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्श पर बैन लगाने की मांग की है.

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किसी उत्पाद का हलाल सर्टिफिकेशन यह सुनिश्चित करता है कि उसे इस्लामी कानून के अनुरूप तैयार किया गया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में, भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यथनल ने भारत में हलाल सर्टिफिकेशन जारी करने वाली एजेंसियों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है, 'यह मेरे ध्यान में आया है कि धार्मिक संस्थाओं की आड़ में कई इस्लामी संगठन मांस उत्पादन, खाद्य उत्पादों, सौंदर्य प्रसाधन और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में हलाल सर्टिफिकेशन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं. रेस्तरां, होटलों, स्लॉटर हाउसों और कॉस्मेटिक उत्पादों को हलाल प्रमाणपत्र जारी करना चिंता का विषय है.'

गिरिराज सिंह ने बिहार में की हलाल सर्टिफिकेशन पर बैन की मांग

वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है, 'राज्य में अनेक खाद्य पदार्थों और आवश्यक सामग्रियों जैसे तेल, नमकीन, दवा, मिठाई, कॉस्मेटिक्स आदि का हलाल कारोबार हो रहा है. इस तरह के उत्पादों के लिए मानक से संबंधित प्रमाणन जारी करने के लिए फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ही वैध संगठन या संस्थान है. भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में हलाल कारोबार ना सिर्फ संविधान के खिलाफ है बल्कि देश द्रोह भी है. हलाल ​सर्टिफिकेशन संबंधित व्यवसायिक गतिविधि का आकार लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक का है. ऐसे में इसको लेकर आतंकवादी गतिविधि की बात सामने आ रही है, जिसकी जांच करने की आवश्यकता है.'

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उत्तर प्रदेश ने लगाया हलाल सर्टिफाइड उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध

उत्तर प्रदेश सरकार ने गत 18 नवंबर को सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में और भ्रम को रोकने के लिए राज्य में हलाल-प्रमाणित खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था. प्रतिबंध लगाने से पहले, यूपी पुलिस ने 17 नवंबर को लखनऊ में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलमा महाराष्ट्र और अन्य संस्थाओं के खिलाफ हलाल प्रमाणपत्र जारी करके एक विशिष्ट धर्म के ग्राहकों के बीच बिक्री बढ़ाने और धार्मिक भावनाओं का शोषण करने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की थी.
 

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