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राज्यसभा में विपक्ष के आधे सांसद सस्पेंड, लोकसभा में एक तिहाई... सरकार CRPC अमेंडमेंट समेत आज लाने वाली है ये बिल

संसद में विपक्षी दलों का हंगामा चल रहा है. मंगलवार को 48 और सांसदों को सस्पेंड किया गया है. सोमवार को संसद की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में 78 सांसदों को सस्पेंड किया गया था. इससे पहले 14 विपक्षी सांसद निलंबित किए गए थे. कुल 140 सांसदों के निलंबित होने से विपक्षी दलों के इंडिया ब्लॉक ने राज्यसभा में अपनी आधी और लोकसभा में एक-तिहाई ताकत खो दी है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (File Photo) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:58 PM IST

संसद की सुरक्षा चूक के मामले में विपक्षी दल लामबंद हैं और लगातार सरकार पर हमलावर हैं. संसद की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में अब तक 95 सांसदों को सस्पेंड किया गया है. पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था. उसके बाद सोमवार को 78 सांसद सस्पेंड हुए हैं. मंगलवार को 48 और सांसद निलंबित किए गए हैं. एक सत्र के दौरान सबसे ज्यादा सांसदों को निलंबित किया गया. इसके साथ, विपक्षी दलों के इंडिया ब्लॉक ने राज्यसभा में अपनी लगभग आधी और लोकसभा में एक तिहाई ताकत खो दी. सूत्रों के मुताबिक, सांसदों के निलंबन के बाद विपक्ष संसद के शीतकालीन सत्र का बहिष्कार कर सकता है.  इस बीच, सरकार आज CRPC अमेंडमेंट समेत कई बिल लाने वाली है.

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बता दें कि राज्यसभा में इंडिया ब्लॉक के 95 सांसद हैं, जिनमें से 46 सांसदों को अब तक निलंबित किया गया है. एक अन्य सांसद AAP के संजय सिंह दिल्ली शराब नीति मामले में सलाखों के पीछे हैं और पहले से ही निलंबित हैं. दूसरी ओर लोकसभा में विपक्षी गुट के पास कुल 133 सांसद हैं, जिनमें से 94 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. पिछले हफ्ते जिन सांसद को सस्पेंड किया गया था, उनमें 13 लोकसभा के मेंबर्स थे. सोमवार को भी 33 सदस्य निलंबित किए गए. मंगलवार को 40 और सांसद सस्पेंड हो गए. 

पहले समझ लीजिए लोकसभा और राज्यसभा की ताकत और गणित

लोकसभा में विपक्ष के कुल 133 सदस्य हैं और अब तक 94 सस्पेंड हो गए हैं. इसी तरह, राज्यसभा में विपक्ष के कुल 95 सदस्य हैं और अब तक 46 सस्पेंड हो गए हैं. अब तक कुल 228 (दोनों सदनों के सदस्य) में से 141 सांसदों पर एक्शन हुआ है. दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा से 33 सदस्यों को निलंबित किया गया था. उसके बाद राज्यसभा से 45 नेताओं को निलंबित कर दिया गया.

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पिछले गुरुवार से दोनों सदनों से निलंबित विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई थी. AAP सदस्य संजय सिंह को 24 जुलाई से ही राज्यसभा सदस्य के रूप में निलंबित कर दिया गया था. विपक्षी दलों के अब तक 94 लोकसभा से और 46 राज्यसभा से सांसद सस्पेंड हुए हैं. संसद के शीतकालीन सत्र से रिकॉर्ड 140 सांसद निलंबित किए गए हैं.

अब खड़गे-सोनिया और राहुल संभालेंगे विपक्षी मोर्चा

अपने अधिकांश नेताओं के निलंबन के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में खुद आगे आकर मोर्चा संभालना होगा. वहीं, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा में गठबंधन की तरफ से अगुवाई करनी होगी. एनसीपी नेता शरद पवार, सीपीआई-एम के फ्लोर नेता इलामारम करीम और डीएमके के फ्लोर लीडर तिरुचि शिवा को भी राज्यसभा में विपक्ष की तरफ से खड़गे का साथ देना होगा.

राज्यसभा में इन दलों के फ्लोर लीडर्स भी सस्पेंड

राज्यसभा में निलंबित किए गए फ्लोर लीडर्स में टीएमसी के डेरेक ओ'ब्रायन और उपनेता सुखेंदु शेखर रे, राजद के फ्लोर लीडर मनोज कुमार झा, सदन में समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, जदयू के फ्लोर नेता रामनाथ ठाकुर, झामुमो नेता महुआ माजी, केरल कांग्रेस (एम) के फ्लोर लीडर जोस के मणि और हाउस सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम का नाम शामिल है.

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लोकसभा में भी सीनियर सदस्य निलंबित

वहीं, लोकसभा की बात करें तो कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और उपनेता गौरव गोगोई को निलंबित कर दिया गया है. मुख्य सचेतक के सुरेश और सचेतक मनिकम टैगोर को भी निलंबित कर दिया गया है. ऐसे में निचले सदन में कांग्रेस के सचेतक रवनीत सिंह बिट्टू और शशि थरूर जैसे नेताओं को अब अन्य नेताओं की अनुपस्थिति में विपक्षी दल का नेतृत्व करना होगा. लोकसभा में द्रमुक के टीआर बालू, सीपीआई-एम के पीआर नटराजन, IUML के ईटी मोहम्मद बशीर, RSP के एनके प्रेमचंद्रन, टीएमसी के कल्याण बनर्जी समेत कई फ्लोर नेताओं को निलंबित कर दिया गया है. 

इसके अलावा, वरिष्ठ नेताओं में राजमोहन उन्नीथन, थिरुनावुक्कारासर, के मुरलीधरन, एंटो एंटनी और अमर सिंह (सभी कांग्रेस से) और अपरूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, सौगत रे, सताब्दी रे, प्रोतिमा मंडल, काकोली घोष दस्तीदार, असित कुमार मल, सुनील कुमार मंडल (सभी टीएमसी से) निलंबित कर दिया गया है. लोकसभा में निलंबित अन्य सांसदों में ए राजा, दयानिधि मारन, टी सुमति, के नवास कानी, कलानिधि वीरासामी, सी एन अन्नादुरई, एसएस पलानीमणिक्कम, जी सेल्वम, एस रामलिंगम (सभी डीएमके से) और कौशलेंद्र कुमार (जेडी-यू) का नाम शामिल है.

कांग्रेस-टीएमसी के यह राज्यसभा सांसद हुए सस्पेंड

राज्यसभा में शेष सत्र के लिए निलंबित कांग्रेस सांसदों में प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याजनिक, नारणभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, फूलो देवी नेताम, शक्तिसिंह गोहिल, केसी वेणुगोपाल, रजनी अशोकराव पाटिल, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सिंह सुरजेवाला का नाम शामिल है. इसके अलावा टीएमसी से सुखेंदु शेखर रे, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांतनु सेन, मौसम नूर, प्रकाश चिक बड़ाइक और समीरुल इस्लाम का नाम है.

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इसके अलावा, एम शनमुगम, एनआर इलांगो, कनिमोझी एनवीएन सोमू, आर गिरिराजन (सभी डीएमके), मनोज कुमार झा, फैयाज अहमद (दोनों राजद), वी सिवादासन (सीपीआई-एम), राम नाथ ठाकुर, अनिल प्रसाद हेगड़े (दोनों जेडीयू), वंदना चव्हाण (एनसीपी), राम गोपाल यादव, जावेद अली खान (दोनों सपा), महुआ माजी (जेएमएम), जोस के मणि (केसी-एम) और अजीत कुमार भुइयां (आईएनडी) को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड किया गया है.

इन सदस्यों के नाम विशेषाधिकार समिति को भेजे गए

जिन 11 विपक्षी सदस्यों के नाम विशेषाधिकार समिति को भेजे गए हैं, उनमें जेबी माथेर हिशाम, एल हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी.सी.चंद्रशेखर (सभी कांग्रेस), बिनॉय विश्वम, संदोश कुमार पी (दोनों सीपीआई), मोहम्मद अब्दुल्ला (डीएमके), जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम (दोनों सीपीआई-एम) का नाम शामिल है.

बीजेपी और विपक्ष आमने-सामने

निलंबन से राजनीतिक घमासान शुरू हो गया और विपक्षी सदस्यों ने इस कार्रवाई को 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया है. वहीं, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया कि यह कार्रवाई आवश्यक थी, क्योंकि विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति का अपमान किया है. गोयल ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर अपने आचरण से देश को 'शर्मिंदा' करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, विपक्षी सदस्य तख्तियां लेकर आए और जानबूझकर संसदीय कार्यवाही को बाधित किया, जबकि पहले यह निर्णय लिया गया था कि सदनों में तख्तियों की अनुमति नहीं दी जाएगी. टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वे संघीय ढांचे को ध्वस्त कर रहे हैं. वे गरीबों से सब कुछ छीन रहे हैं. जब हम मुद्दा उठाते हैं तो हर किसी को निलंबित कर दिया जाता है. निष्कासित कर दिया जाता है या आयकर छापा मारा जाता है या सीबीआई छापा मारा जाता है या ईडी का छापा. आप मुझे बताइए कि कितने भाजपाइयों के यहां छापे पड़े?

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आज आपराधिक कानूनों पर तीन संशोधित विधेयक पेश करेंगे अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को लोकसभा में तीन आपराधिक कानून संशोधन विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए पेश करेंगे. ये बिल हैं- भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023. एक हफ्ते पहले इन विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया था. लेकिन वापस ले लिया गया था. आज ही गृह मंत्री का जवाब आने की उम्मीद है. वे इन विधयेक पर चर्चा कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, दूरसंचार विधेयक पर भी मंगलवार को लोकसभा में चर्चा होगी. इसे सोमवार को हंगामे के बीच संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया था. यह विधेयक सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सेवाओं के निलंबन की अनुमति देने का अधिकार देता है. पारित होने पर सरकार दूरसंचार सेवाओं पर नियंत्रण कर सकेगी.

इससे पहले सोमवार को संसद ने पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं में महिला आरक्षण कानून के प्रावधानों का विस्तार करने के लिए दो विधेयक पारित किए, जिन्हें राज्यसभा ने ध्वनि मत से मंजूरी दे दी. केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक को हंगामे के बीच पारित किया गया था. ये विधेयक 12 दिसंबर को लोकसभा द्वारा पारित किए गए थे. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दोनों विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए पेश किया था. राय ने कहा, विधेयक महिलाओं के अधिकारों के पक्ष में हैं.

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