Advertisement

हरिद्वार धर्म संसद: जहरीले भाषण मामले में फंसे संतों ने दी कुरान, पैगंबर मोहम्मद, मौलवियों के खिलाफ तहरीर

हरिद्वार में धर्म संसद पर विवाद के बाद कुछ संतों और लोगों के खिलाफ FIR हुई थी. अब उन्होंने कुरान, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ तहरीर दी है.

जितेंद्र नारायण त्यागी और नरसिंहानंद गिरी (फाइल फोटो) जितेंद्र नारायण त्यागी और नरसिंहानंद गिरी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • हरिद्वार,
  • 29 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST
  • धर्म संसद विवाद में नया मोड़ आया
  • संतों ने दी कुरान, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ तहरीर

हरिद्वार में हुई धर्म संसद के विवादित बयानों पर हुए विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है. धर्म संसद में अपने भाषणों की वजह से जो संत चर्चा में थे अब उन्होंने कुरान, पैगंबर मोहम्मद, मौलवियों के खिलाफ तहरीर दी है. इससे पहले हरिद्वार के वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर को हुई धर्म संसद के बाद हरिद्वार कोतवाली में दो संतो सहित वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके जवाब में यह तहरीर दी गई है.

Advertisement

बता दें कि शाम्भवी आश्रम में मंगलवार को धर्म संसद की कोर कमेटी के संतों की बैठक हुई. बैठक में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी, अमृतानंद स्वामी, परमानंद स्वामी, आनंद स्वरूप स्वामी, महेश स्वरूप, स्वामी शिवानंद महाराज, स्वामी विश्व पुरी महाराज, स्वामी सागर सिंधु महाराज, स्वामी हितेश्वर आनंद सरस्वती महाराज, डॉक्टर प्रेमानंद, महाराज स्वामी संतोष मुनि, महाराज दीपेंद्र नारायण सिंह त्यागी और वसीम रिजवी एवं दर्शन भारती शामिल थे. इस बैठक के बाद तहरीर दी गई.

लड़ाई गांधीवादी विचारधारा से नहीं - जितेंद्र नारायण त्यागी

वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि उनकी लड़ाई गांधीवादी विचारधारा या गांधी से नहीं है, बल्कि उनकी लड़ाई उन 'जिहादियों' से है जो उनको मारने की बात करते हैं. त्यागी ने कहा कि वह किताब धार्मिक ग्रंथ नहीं हो सकती है जो किसी को मारने का आदेश देती हो. उन्होंने यह भी कहा कि अगर धर्म संसद में कही गई बात हेट स्पीच है तो क्या मदरसों और मस्जिदों से उस ग्रंथ को पढ़कर दूसरों को मारने का आदेश देने वाले भाषण हेट स्पीच नहीं है.

Advertisement

आगे बताया गया कि हरिद्वार कोतवाली में धार्मिक ग्रंथ कुरान, पैगंबर मोहम्मद और कुरान लिखने वाले अबू बकर के खिलाफ तहरीर दी गई है.

(इनपुट - मुदित अग्रवाल)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement