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मोनू मानेसर, बिट्टू बजरंगी... नूंह हिंसा के विलेन बताए जा रहे दो चेहरे कौन? सफाई में दे रहे ये दलीलें 

हरियाणा के नूंह को हिंसा में झोंकने वाले दो विलेन बताए जा रहे हैं. मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी. इनके भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. ये वीडियो हिंसा से पहले के बताए जा रहे हैं. हालांकि अब ये दोनों अपनी-अपनी सफाई में दलीलें दे रहे हैं.

बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर (फाइल फोटो) बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST

हरियाणा के मेवात-नूंह को हिंसा की आग में झोंक दिया गया. इसमें अबतक छह लोगों की मौत हो चुकी है. सीएम खट्टर ने कहा कि नूंह हिंसा में एक बड़ी साजिश दिख रही है. उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा, किसी भी दंगाई को बख्शा नहीं जाएगा. इस बीच हिंसा भड़काने वाले दो नेताओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें एक है मोनू मानेसर और दूसरा बिट्टू बजरंगी. वायरल हुए वीडियो में बिट्टू बजरंगी द्वारा नूंह के लोगों के लिए आपत्तिजनक शब्द भी कहते हुए सुना जा सकता है. 

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इस वीडियो में उसको कहते हुए सुना जा रहा है, "ये बोलेंगे कि बताया नहीं कि हम ससुराल आए और मुलाकात नहीं हुई फूल माला तैयार रखना, जीजा आ रहे हैं. बिलकुल 150 गाड़ियां हैं." इस वीडियो के दौरान बिट्टू बजरंगी अपने समर्थकों को भी दिखाता है. बिट्टू बजरंगी कहता है कि वह इस वक्त फरीदाबाद के पाली में है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बिट्टू का ये वीडियो हिंसा वाले दिन यानी 31 जुलाई की सुबह का है. हालांकि आजतक इसकी पुष्टि नहीं करता है, लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो बिट्टू बजरंगी के घूम रहे हैं.  

 

इस वीडियो में बिट्टू बजरंगी की तरफ से साफ-साफ बताया जाता है कि मैं मेवात आ रहा हूं. यानी हिंसा से पहले सोशल मीडिया पर इस तरह के मैसेज फैलाए गए. जो लोगों तक पहुंचे और हिंसा भड़की. यही नहीं इसका दूसरे पक्ष से जवाब भी आया.  

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ब्रजमंडल यात्रा में टकराव के इनपुट  

नूंह में यात्रा से पहले माहौल गरम था. ब्रजमंडल यात्रा में टकराव को लेकर सीआईडी के पास इनपुट थे. जिसे सरकार को बता दिया गया था. नासिर-जुनैद की हत्या से लोगों के मन में गुस्सा पहले से था. जब मोनू मानेसर के धार्मिक यात्रा में शामिल होने का वीडियो वायरल हुआ तो वे भड़क गए.  

बिट्टू ने दिया पुलिस को दोष 

आजतक ने बिट्टू बजरंगी को ढूंढकर उससे बातचीत की. लेकिन वो अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करता है. उसका कहना है कि अगर उसके बयानों से दंगा भडका तो दूसरे पक्ष के लोग पहले से हथियार के साथ कैसे लैस थे. बिट्टू ने नूंह में हुई हिंसा के लिए पुलिस को दोष दिया है. 

बिट्टू बजरंगी ने आजतक से बात करते हुए स्वीकार किया कि जुलूस में लोगों के पास तलवारें और बंदूकें थीं. हालांकि उसने कहा कि तलवारें धार्मिक अनुष्ठानों के लिए थीं और बंदूकों को लाइसेंस दिया गया था. जब उससे पूछा गया कि उसके भड़काऊ वीडियो की वजह से हिंसा हुई तो उसने कहा कि अगर ऐसा है तो मुसलमान पहले से ही हथियारबंद कैसे थे.  

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मोनू मानेसर को जानता है बिट्टू बजरंगी 

बिट्टू बजरंगी ने कैमरे के सामने कबूला कि वह भगोड़े मोनू मानेसर को जानता है और करीब एक महीने पहले एक सेमिनार में उससे मिला था. उसनेन माना कि उनके खिलाफ 4 आपराधिक मामले लंबित हैं. हालांकि उसने खराब तैयारियों के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. बिट्टी बजरंगी के अलावा मोनू मानेसर का नाम भी नूंह हिंसा से जोड़कर कहा जा रहा है. आखिर कौन है मोनू मानेसर जिसका नाम नूंह हिंसा से जोड़ा जा रहा है.

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मोनू मानेसर का दावा- यात्रा में नहीं हुआ शामिल 

मोनू का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर धमकियां आनी शुरू हो गई थी और 31 तारीख को हंगामा कब हिंसा में बदल गया, पता ही नहीं चला. हालांकि उसकी तरफ से यात्रा में नहीं आने का दावा किया गया. लेकिन गोकशी पर प्रतिबंध और साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के कारण मेवात के कुछ लोगों की नाराजगी को उपद्रवियों ने भुनाया और नूंह जल उठा. सरकार कहती है कि ये हिंसा साजिश के तहत हुई लेकिन पुलिस ने सोशल मीडिया पर इस हिंसा की टूलकिल को क्यों नहीं पहचाना.  

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मोनू पर जुनैद-नासिर की हत्या का आरोप 

16 फरवरी 2023 को भिवानी में जुनैद और नासिर की हत्या होती है. मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर पर आरोप लगता है. इसके बावजूद उसके समर्थन में नारेबाजी होती है. मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव खुद को बजरंग दल का सदस्य और गौरक्षक बताता है. वह गुरुग्राम के पास मानेसर से आता है. उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल के अनुसार, वह हरियाणा में गौरक्षा दल का प्रमुख है. मोनू मानेसर और उसके दल के लोग पुलिस को कथित गौ तस्करों के बारे में जानकारी देते हैं. 

हरियाणा के भिवानी में मिले थे शव 

इस साल भरतपुर जिले के रहने वाले नासिर और जुनैद का कथित तौर पर 15 फरवरी को अपहरण किया गया. अगले दिन उनके शव हरियाणा के भिवानी में मिलते हैं. राजस्थान पुलिस इस मामले में आरोप पत्र दायर कर मोनू मानेसर को आरोपी बनाती है उसकी तलाश करती है और वो आजतक को गुरुग्राम में बेखौफ अंदाज में मिलता है, पूरी ठसक से कहता है कि अगर नासिर और जुनैद अगर गौ तस्करी गौ कशी जैसे घृणित काम को अंजाम नहीं देते तो जिंदा होते.  

राजस्थान पुलिस कर रही है मोनू की तलाश 

जिस शख्स को राजस्थान पुलिस ढूंढ़ रही है वो गुरुग्राम में मीडिया को इस तरह से इंटरव्यू देता है, लेकिन पुलिस उसे ढूंढ़ नहीं पाती है. मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ कई तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करता है उसके फॉलोअर्स की संख्या भी लाखों में है. उस पर अक्सर भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगते रहे हैं. जैसे मेवात को लेकर हुआ. जब मोनू को लेकर ज्यादा हंगामा होता है तो हरियाणा के मुख्यमंत्री कहते हैं कि वो मोनू मानेसर को लेकर राजस्थान का सहयोग करने को तैयार हैं.  

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मोनू मानेसर ने आजतक से क्या कहा? 

आजतक ने मोनू मानेसर से फोन पर बातचीत की. उससे पूछा गया कि नूंह में जो भी हिंसा भड़की है, उसमें आपका नाम सामने आ रहा है. उसने कहा- ये जो भी नाम ले रहे हैं, आपने जो भी वीडियो देखे हैं, उसमें कोई भड़काऊ चीज़ तो है नहीं. लेकिन जो भी गो तस्कर हैं जो वहां पर क्राइम करते हैं, ये सब उनका करा धरा है. साइबर क्राइम थाना फूंक दिया उन्होंने, सब उनकी बदौलत है ये.  

उससे पूछा गया कि जो पिछली साल घाटमीका की घटना हुई नासिर और जुनैद वाली. उसके बाद से पूरे इलाके में तनाव था, फिर ऐसे में आपका वीडियो आना, उसने उकसाने का काम करा है. उसने जवाब दिया- कोई उकसाने का काम नहीं किया, ना मैं उस यात्रा में गया क्योंकि हमारे अधिकारीगण थे. उस यात्रा में था ही नहीं, जो हमारे सुरेंद्र जी है, वीएचपी के बड़े अधिकारी हैं, उनपर भी सीधी फायरिंग की गई है तो उससे बड़ा दुर्भाग्य क्या है.

पुलिस कस्टडी में मौत का भी कनेक्शन! 

जानकारों का कहना है कि नूंह में हुई हिंसा के बीज फरीदाबाद में साइबर फ्रॉड केस में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले के वक्त ही पड़ गए थे. जिसके बाद से यहां का माहौल गरम था. जमीन बेचने में हुए धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने शैकुल को गिरफ्तार किया, लेकिन पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मौत की वजह बीमारी बताई, लेकिन मेवात में इसको लेकर तनाव पैदा हो गया. 

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बिट्टू बजरंगी ने भी दिया था बयान 

इस मामले में भी बिट्टू बजरंगी ने एंट्री मारी और नूंह के नेताओं पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया. बजरंगी ने कहा, "उस Zaabir ghatmika के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जिन्होंने राज्य पुलिस को आतंकवादी बताया. कांग्रेस के नेता आफताब अहमद के खिलाफ मामला दर्ज हो." बिट्टू बजरंगी ने उस शख्स का भी वीडियो वायरल किया जिसने पुलिस को आतंकी बताया. अब सवाल ये है कि हरियाणा को दंगों की आग में झोंकने वाला कौन है, किसने दंगा करने के लिए उकसाया.  

 

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