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स्वर्ण मंदिर को विदेशों से मिल सकेगा चंदा, एफसीआरए की मिली मंजूरी

एफसीआरए मंजूरी मिलने के कारण अब हरमंदिर साहिब को विदेशों से चंदा मिल सकेगा. गृहमंत्री अमित शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि हरमंदिर साहिब में एफसीआरए पर फैसला निर्णायक है.

स्वर्ण मंदिर (फाइल फोटो- पीटीआई) स्वर्ण मंदिर (फाइल फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST
  • हरमंदिर साहिब में एफसीआरए पर लिया फैसला
  • हरमंदिर साहिब को विदेशी अंशदान की इजाजत
  • हरमंदिर साहिब शांति का केंद्र हैं: स्मृति ईरानी

केंद्र की मोदी सरकार ने हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) की अनुमति दे दी है. इसकी इजाजत मिलने के बाद अब अन्य देश भी हरमंदिर साहिब में अपना अंशदान दे सकेंगे.

एफसीआरए मंजूरी मिलने के कारण अब हरमंदिर साहिब को विदेशों से चंदा मिल सकेगा. गृहमंत्री अमित शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि हरमंदिर साहिब में एफसीआरए पर फैसला निर्णायक है जो एक बार फिर हमारे सिख बहनों और भाइयों की सेवा की उत्कृष्ट भावना को प्रदर्शित करेगा.

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अमित शाह ने कहा कि श्री दरबार साहिब की दिव्यता हमें शक्ति प्रदान करती है. दशकों से दुनिया भर में लोग वहां सेवा करने में असमर्थ थे. श्री हरमंदिर साहिब के लिए एफसीआरए की अनुमति देने के मोदी सरकार के फैसले से विश्व में संगत और श्री दरबार साहिब के बीच सेवा से जुड़ाव गहरा गया है.

वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वाहे गुरु का आशीर्वाद है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार को श्री हरमंदिर साहिब को एफसीआरए अनुमति देने का अवसर मिला है. हरमंदिर साहिब सभी समुदायों के लिए विश्वास और शांति का केंद्र है. यह कदम विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए गुरुसाहब की सेवा के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दरबार साहिब को दुनिया भर में सिख संगत से सेवा और योगदान प्राप्त करने में सक्षम बनाने का निर्णय लिया है. इस ऐतिहासिक फैसले से गुरु साहिब के दर्शन गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए धर्म के महान प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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