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हाथरस: कप्पन केस में केरल पत्रकार संघ की याचिका पर सुनवाई जनवरी में

KUWJ की तरफ से कप्पन की पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने अपील की थी कि शीतकालीन अवकाश के बाद न्यायालय का कामकाज फिर से शुरू होने के साथ ही जनवरी के तीसरे सप्ताह के बजाए पहले सप्ताह में ही सुनवाई की जाए. कोर्ट ने योगी सरकार की तरफ से दायर हलफनामे पर पत्रकार संघ को जवाब देने के लिए मौका दिया है. 

हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किए गए थे केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन.(फाइल फोटो) हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किए गए थे केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन.(फाइल फोटो)
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST
  • योगी सरकार ने कप्पन पर लगाए केस की जांच में मदद ना करने के आरोप
  • जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगी पत्रकार संघ की याचिका पर सुनवाई

हाथरस जाते समय मथुरा में केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी के खिलाफ ‘केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स’ (केयूडब्ल्यूजे) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले साल जनवरी के तीसरे सप्ताह में सुनवाई करेगा.

चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम की पीठ ने मामले की सुनवाई की तारीख जनवरी के तीसरे सप्ताह में तय की है.

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केयूडब्ल्यूजे (KUWJ) की तरफ से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने अपील की थी कि शीतकालीन अवकाश के बाद न्यायालय का कामकाज फिर से शुरू होने के साथ ही जनवरी के तीसरे सप्ताह के बजाए पहले सप्ताह में ही सुनवाई की जाए. कोर्ट ने योगी सरकार की तरफ से दायर हलफनामे पर पत्रकार संघ को जवाब देने के लिए मौका दिया है. 

इससे पहले योगी सरकार की तरफ से कप्पन को लेकर दाखिल किए गए जवाब में कहा गया था कि कप्पन का दावा है कि वह केरल के एक दैनिक अखबार के पत्रकार हैं जबकि यह अखबार दो साल पहले ही बंद हो चुका है. योगी सरकार ने एफिडेविट में कहा है कि पत्रकार संघ कप्पन की असलियत छिपाने की कोशिश कर रहा है.

योगी सरकार ने कोर्ट में साथ ही यह भी कहा कि अगर केस की सुनवाई के दौरान कप्पन को जमानत मिल जाती है तो संभव है कि वह अंडरग्राउंड हो जाएं. योगी सरकार ने कप्पन पर केस की जांच में मदद ना करने के आरोप लगाए. योगी सरकार का कहना है कि कप्पन अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स के पासवर्ड की जानकारी नहीं दे रहे हैं. उन्हें डर है कि उनकी करतूतों की हकीकत सभी के सामने आ जाएगी.

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस के एक गांव में बीते 14 सितंबर को एक दलित युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था. इस घटना में पीड़िता बुरी तरह से जख्मी हो गई थी. इलाज के दौरान सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी. मृतक का रात में ही उसके परिजनों की कथित तौर पर सहमति के बगैर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था. जिसके बाद यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था और इस घटना के बहाने हिंसा की साजिश रचे जाने की बात यूपी सरकार और प्रशासन की तरफ से की गई थी. उसी क्रम में कुछ गिरफ्तारियां भी की गई थीं.

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