
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप मामले के बीच एक संसदीय समिति ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों को अगले हफ्ते पेश होने के लिए बुलाया है. सूत्रों का कहना है कि समिति के सदस्यों को 'महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और अपराध' विषय पर जानकारी देने के लिए अधिकारियों को बुलाया गया है.
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह सचिव को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया गया है और उनसे उम्मीद की गई है कि वे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के बारे में जानकारी देंगे. इसके अतिरिक्त पुनर्गठित पैनल COVID-19 महामारी के प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा करेगा.
राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिस के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता में गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति को 22 अक्टूबर को गृह मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा 'महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और अपराध' के विषय पर जानकारी देंगे.
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सरकार की ओर से जारी नए आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2019 में प्रतिदिन औसतन 87 रेप के केस दर्ज किए गए और सालभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,05,861 मामले दर्ज हुए और 2018 के मुकाबले महिलाओं के खिलाफ अपराध में 7 फीसदी की वृद्धि रही.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 3,78,236 केस दर्ज किए गए, जो कि 2019 में रेप के कुल 32,033 केस दर्ज किए गए, और यह सालभर में महिलाओं के खिलाफ हुए सभी तरह के हुए अत्याचारों में 7.3 प्रतिशत रहा.
इसी तरह 2018 में, देशभर में 33,356 रेप के केस दर्ज किए गए, जबकि 2017 में 32,559 केस दर्ज कराए गए. NCRB, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य करता है, और यह भारतीय दंड संहिता (IPC) और देश में विशेष और स्थानीय कानूनों द्वारा परिभाषित अपराध डेटा एकत्र करने और विश्लेषण करने का काम करता है.