पीड़ित परिवार की ओर से पेश हुईं वकील सीमा कुशवाहा ने मांग करते हुए कहा कि जांच के बाद केस का ट्रायल दिल्ली में होना चाहिए और सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपनी चाहिए. अदालत में इस दौरान कई मसलों पर तीखी बहस भी देखने को मिली.
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पीड़ित परिवार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील सीमा कुशवाहा पेश हुईं. उन्होंने अदालत से अपील की है कि इस केस का ट्रायल दिल्ली में ही होना चाहिए. जिसपर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.
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सुप्रीम कोर्ट में इंदिरा जयसिंह ने अपील करते हुए कहा कि परिवार को केंद्रीय एजेंसी से सुरक्षा दी जानी चाहिए. चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर आरोपी कुछ कहना चाहते हैं तो वो पहले हाईकोर्ट जा सकते हैं. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने पीड़ित, सरकार और आरोपी को सुन लिया है, यही अहम है. बाकी किसी बाहरी को नहीं सुनेंगे. इतना कहने के साथ ही अदालत उठ गई और आदेश रिजर्व रख लिया गया है.
- कोर्ट ये तय करेगा कि
1. सीबीआई जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट करेगा या हाईकोर्ट
2. ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर किया जाए या नहीं
3. पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा यूपी पुलिस करेगी या CRPF!
सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता के परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि गवाहों और परिवार को सुरक्षा दी जाए, स्टेटस रिपोर्ट सीधे अदालत को मिले. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार सीबीआई जांच से गुरेज नहीं कर रही है, पूरा सहयोग कर रह है. परिवार को सुरक्षा दी गई है. लेकिन जो लोग पीड़िता के परिवार का नाम, पहचान सार्वजनिक कर रहे हैं वो दंड के भागीदार है, ये अपराध है. इसे आधिकारिक दस्तावेजों से डिलीट किया जाए, जिसपर अदालत ने कहा कि उन्हें डिलीट कर दिया जाएगा. सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इस मामले में कोई बाहरी और अजनबी लोग ना आएं. पीड़ित, सरकार, एजेंसी सब हैं फिर गैरजरूरी घुसपैठ क्यों?
हाथरस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. यूपी सरकार ने इस दौरान पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने का ब्यौरा दिया. पीड़िता के भाई के हवाले से कहा गया कि उन्होंने सीमा कुशवाहा को वकील तय किया है, वैसे सरकारी वकील भी सहायता के लिए मौजूद रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट में सीमा कुशवाहा ने मांग की है कि जांच पूरी होने के बाद ट्रायल दिल्ली में हो, सीबीआई अपनी जांच की रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को दे.
सीबीआई की टीम ने गुरुवार को चारों आरोपियों के परिवार से मुलाकात की. अब सीबीआई मथुरा कोर्ट में याचिका दायर कर सभी आरोपियों की कस्टडी मांगेगी. ऐसे में सीबीआई या तो जेल में ही आरोपियों से पूछताछ कर सकती है या फिर कस्टडी में ले सकती है. 14 सितंबर के घटनाक्रम को लेकर सीबीआई आरोपियों का बयान लेगी. अगर सीबीआई को रिमांड मिलती है तो आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट हो सकता है, जिसके लिए कोर्ट से इजाजत लेनी होगी. हालांकि, आरोपियों के परिवार ने सभी आरोपों को नकार दिया है.
हाथरस मामले में सीबीआई ने तीसरे दिन अपनी जांच शुरू कर दी है. गुरुवार को सीबीआई की टीम चारों आरोपियों के घर पहुंची है, यहां पर आरोपियों के परिवार के लोगों से पूछताछ हो रही है. इससे पहले सीबीआई की टीम ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से पूछताछ की थी.
हाथरस में सीबीआई के एक्शन का आज तीसरा दिन है. पहले दिन क्राइम सीन का दौरा, दूसरे दिन पीड़ित परिवार से पूछताछ के बाद आज भी सीबीआई की जांच जारी रहेगी. आज सीबीआई की टीम आरोपियों के परिवार से पूछताछ कर सकती है. सीबीआई ने बीते दिनों में लगातार सवाल-जवाब किए हैं, इलाके का दौरा किया है. उस अस्पताल का भी दौरा किया, जहां घटना के बाद पहली बार पीड़िता को ले जाया गया था. सीबीआई ने हाथरस में ही अपना एक अस्थाई दफ्तर बनाया है, जहां पर पूछताछ का सिलसिला चल रहा है.
हाथरस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें पीड़ित परिवार और केस से जुड़े गवाहों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की गई थी. इसी के बाद अदालत ने यूपी सरकार को सुरक्षा की व्यवस्था करने को कहा था. बुधवार को यूपी सरकार ने अपना हलफनामा दायर किया, जिसमें पीड़ित परिवार को तीन स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही. इसी के साथ गांव, घर में सीसीटीवी कैमरे, नाके पर पुलिस, गवाहों की सुरक्षा की जानकारी अदालत को दी गई. यूपी सरकार ने साथ ही सीबीआई जांच, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई का हवाला दिया और अदालत से सीबीआई जांच को अपनी निगरानी में रखने की अपील की.