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‘हमें पूरे संसार की सलाह नहीं चाहिए’, पढ़ें हाथरस कांड पर SC में सुनवाई में क्या हुआ

पीड़ित परिवार की ओर से पेश हुईं वकील सीमा कुशवाहा ने मांग करते हुए कहा कि जांच के बाद केस का ट्रायल दिल्ली में होना चाहिए और सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में हुई हाथरस कांड पर सुनवाई (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट में हुई हाथरस कांड पर सुनवाई (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST
  • हाथरस कांड पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
  • पीड़ित परिवार ने दिल्ली में ट्रायल की अपील की

हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में यूपी सरकार की ओर से पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर जवाब दिया गया. वहीं पीड़ित परिवार की ओर से पेश हुईं वकील सीमा कुशवाहा ने मांग करते हुए कहा कि जांच के बाद केस का ट्रायल दिल्ली में होना चाहिए और सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपनी चाहिए. अदालत में इस दौरान कई मसलों पर तीखी बहस भी देखने को मिली. 

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पीड़ित परिवार ने अदालत में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित परिवार की ओर से सीमा कुशवाहा पेश हुईं, उन्होंने ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में परिवार का पक्ष रखा था. सीमा कुशवाहा ने अदालत में कहा कि परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए और सीबीआई की रिपोर्ट अदालत को ही मिलनी चाहिए. इसके अलावा केस का ट्रायल दिल्ली में चलना चाहिए. जवाब में सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यूपी सरकार सीबीआई जांच में सहयोग कर रही है, सुरक्षा भी मुहैया करा दी गई है. सरकार ने मांग की है कि जब पीड़ित, आरोपी, एजेंसी और सरकार यहां है तो बाहरी लोगों की केस में एंट्री नहीं होनी चाहिए.

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आरोपियों की ओर से क्या कहा गया?
सुप्रीम कोर्ट में इस दौरान वकीलों के बीच तीखी बहस भी हुई, जब एक आरोपी की ओर से सिद्धार्थ लूथरा अपनी बात कहने लगे तो वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने उन्हें टोक दिया. जिसपर सिद्धार्थ ने कहा कि वो खुद एक हस्तक्षेपकर्ता की ओर से पेश हो रही हैं. इंदिरा जयसिंह ने अदालत में अपील की है कि परिवार को राज्य की बजाय केंद्रीय एजेंसी से सुरक्षा मिलनी चाहिए.

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आरोपी की ओर से वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि केस की सभी जानकारी लगातार लीक की जा रही हैं, जो सही नहीं हैं. चीफ जस्टिस ने इस मसले पर आरोपी पक्ष को हाईकोर्ट जाने को कहा. इसी बीच एसजी तुषार मेहता ने मामले में तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ के दखल पर आपत्ति जताई और कहा कि न्याय के नाम पर ऐसे एनजीओ सिर्फ पैसा इकट्ठा करते हैं. 

चीफ जस्टिस बोले- अब और किसी को नहीं सुनेंगे
मामले की सुनवाई के अंत में चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्होंने आरोपी, सरकार, पीड़ित को सुन लिया है और अब पूरे संसार की राय नहीं लेंगे. ऐसे में किसी नए याचिकाकर्ता को इसमें नहीं सुनेंगे. अदालत की ओर से किसी भी नए व्यक्ति को सीधे इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास जाने के लिए कहा गया. वहीं, यूपी पुलिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया गया कि कोर्ट सुरक्षा पर जो भी आदेश देगा, उसे पूरा किया जाएगा.

गौरतलब है कि इस मामले की पहले सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भी हो रही है. सुप्रीम कोर्ट में मुख्य रूप से परिवार की सुरक्षा के लिए याचिका दायर की गई थी. अदालत ने अभी इसपर कोई आदेश नहीं दिया है. 


 

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