
हाथरस गैंगरेप की शिकार युवती की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आज शुक्रवार को आरोपी परिवार को न्याय दिलाने के लिए सवर्ण समाज के लोग धरने पर बैठ गए. वे आरोपी परिवार को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं. धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि पूरे मामले पर एसआईटी जांच सही तरीके से हो. साथ ही सीबीआई जांच की मांग की गई है.
एक ओर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग चल रही है तो दूसरी ओर आरोपी परिवार को न्याय दिलाने की मांग के साथ हाथरस में सवर्ण जाति के लोग धरने पर बैठ गए हैं. वहां मौजूद लोगों का कहना है कि एसआईटी जांच निष्पक्ष रूप से हो. यदि हमारे बच्चे दोषी हैं तो उन्हें सजा जरूर दी जाए.
प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि मामले में कोई निर्दोष न फंसे और दोषी बचने ना पाए. हाथरस में पीड़िता के गांव बुलगड़ी से करीब 5 किलोमीटर दूर गांव बघना में सवर्ण समाज के लोगों की आज पंचायत बैठी जिसमें सवर्ण समाज के लोग आरोपियों के समर्थन में हैं. उनका कहना है कि मामले को कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने स्वार्थ के लिए तूल दे रही हैं. लोगों का कहना है कि सच्चाई उजागर होनी चाहिए.
पंचायत में कहा गया कि लड़की की मां और भाई से पूछताछ की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी. जैसा उन्होंने आरोप लगाया है बच्चों पर, वह पानी पिला रहे थे और उल्टा ही उन पर आरोप लगा रहे हैं. पुलिस मामले में जांच सही नहीं कर रही है. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
पीड़िता के घर की घेराबंदी
हाथरस के ग्राम बघना में क्षत्रिय महासभा की बैठक खत्म होने के बाद क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ने कहा कि अगर बच्चे दोषी हैं तो फांसी दी जाए. अगर निर्दोष हैं तो उन्हें बरी किया जाए.
इस बीच पुलिस ने पीड़िता के घर की घेराबंदी कर रखी है. किसी को वहां से निकलने नहीं दिया जा रहा है. आज पीड़िता का एक भाई खेतों के रास्ते पुलिसकर्मियों की नजरों से बचते और छिपते-छिपाते हुए जैसे-तैसे गांव के बाहर मीडियाकर्मियों के पास आया और उसने यह दास्तां बताई. उसने बताया कि परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है.
उसने संदेश भी दिया कि उसकी भाभी मीडिया से मिलना चाहती है और कल डीएम ने उसके ताऊ की छाती पर लात मारी थी. वह मीडिया से बात कर ही रहा था कि पुलिसवालों की नजर उस पर पड़ गई और वह वहां से खेत के रास्ते डरते-भागते हुए घर निकल गया. (इनपुट-राजेश सिंघल)