Advertisement

पुलिस का अमानवीय चेहरा- 'कंडे डालने गए और पुलिस ने फोटो खींच कह दिया परिवार ने किया अंतिम संस्कार'

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई गैंगरेप की घटना के बाद देशभर में गुस्सा है. पीड़िता के परिवार का आरोप है कि यूपी पुलिस ने बिना उनकी जानकारी के जबरन ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया.

हाथरस गैंगरेप घटना पर देशभर में गुस्सा हाथरस गैंगरेप घटना पर देशभर में गुस्सा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST
  • हाथरस गैंगरेप कांड पर देशभर में गुस्सा
  • परिवार का आरोप- पुलिस ने जबरन किया अंतिम संस्कार

उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप का शिकार हुई पीड़िता की मंगलवार को दिल्ली में मौत हो गई. लेकिन उसके बाद देर रात को जिस तरह उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार किया, उसपर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. परिजनों का आरोप है उन्हें बिना बताए और उनकी मर्जी के बिना अंतिम संस्कार किया गया, जबकि यूपी पुलिस इस दावे को गलत बता रही है. 

देर रात ढाई बजे हुए अंतिम संस्कार को लेकर पीड़िता के चाचा ने बताया कि जब पुलिस जबरन दाह संस्कार कर रही थी, तब उन्हें नहीं जाने दिया गया. जो भी किया है पुलिस ने किया था. उन्होंने बताया कि जब कुछ देर के लिए पुलिस वहां नहीं थी, तो वो दो-चार कंडे डालने के लिए गए थे, लेकिन तभी पुलिसवालों ने उनकी फोटो खींच ली.

पीड़िता के चाचा ने दावा किया कि अब इसी को पुलिस बता रही है कि परिजन अंतिम संस्कार में शामिल हुए, लेकिन ऐसा नहीं है. चाचा के अलावा पीड़िता के पिता ने भी यूपी पुलिस पर आरोप लगाया.

पीड़िता के पिता के मुताबिक, पुलिस ने उन्हें घर में बंद कर दिया था, उन्हें मालूम नहीं था कि कब शव आया और किसका शव जला दिया गया. पुलिस ने उन्हें शव के बारे में नहीं बताया था. साफ है कि पुलिस के द्वारा ऐसे आनन-फानन में अंतिम संस्कार किए जाने और घरवालों को शामिल ना किए जाने पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

हालांकि, इस मसले पर हाथरस पुलिस ने एक सफाई जारी की है और जबरन अंतिम संस्कार कराए जाने से इनकार किया है. हाथरस पुलिस ने अपने ट्वीट में लिखा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह असत्य खबर फैलायी जा रही है कि “थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस ने जबरन रात में करा दिया है “ हाथरस पुलिस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है.

हालांकि, यूपी पुलिस के दावों से अलग परिजनों के बयान और उस वक्त वहां से सामने आए, वीडियो में ये साफ होता है कि पुलिस ने जब अंतिम संस्कार किया, तो कोई भी परिवारवाला आसपास नहीं था. 

Advertisement


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement