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Hathras Stampede: FIR में क्यों नहीं है 'भोले बाबा' का नाम? क्या अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रहा पुलिस प्रशासन?

Hathras stampede case: हाथरस में सत्संग लिए देव प्रकाश मधुकर द्वारा पुलिस और प्रशासन को दिए एप्लीकेशन में देखने से पता चलता है कि देव प्रकाश सीधे तौर पर सद्भावना समागम समिति से जुड़ा हुआ था और इस संगठन का मुख्य सेवादार था.

हाथरस हादसा (फाइल फोटो) हाथरस हादसा (फाइल फोटो)
अरविंद ओझा
  • हाथरस,
  • 08 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) में 'भोले बाबा' के सत्संग के दौरान हुए हादसे में 123 लोगों की मौतें हुईं, जिसमें ज्यादा तादाद महिलाओं की थी. इस हादसे से जुड़ी एफआईआर में पुलिस ने दावा किया कि मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने 80 हजार लोगों के आने की संभावना जताई थी, लेकिन कार्यकर्म में लाखों लोगों का जमावड़ा हुआ. इसी आधार पर लोकल पुलिस ने देव प्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बताया था.

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लेकिन आजतक के पास देव प्रकाश मधुकर की परमिशन के लिए दी गई एप्लीकेशन की कॉपी मौजूद है. इसमें देव मधुकर ने दावा किया था कि बाबा के समागम में 80 हजार से ज्यादा भीड़ आएगी. यानी साफ-साफ मधुकर ने जिलाधिकारी को दिए अपने आवेदन में 80 हजार से ज्यादा भीड़ के जुटने का अनुमान लगा दिया था.

क्या पुलिस ने छुपाई अपनी कमी?

हादसे के बाद अब सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस ने अपनी कमियों को छुपाने की कोशिश की. सैकड़ों लोगों की मौत की जिम्मेदारी क्या सिर्फ देव मधुकर की ही है या फिर कोई और भी इसके लिए जिम्मदार है. क्या लोकल पुलिस-प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं? हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन पर अभी तक एक्शन क्यों नहीं किया गया?

हालांकि, तथाकथित बाबा के करीबी देव मधुकर ने बहुत शर्तों का उल्लंघन भी किया था, जिसका नतीजा ये हुआ कि बड़ी संख्या में भीड़ जुटी और भगदड़ में सकड़ों लोग मारे गए.

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सत्संग से जुड़े तमाम दस्तावेज आजतक के पास हैं. देव मधुकर ने एप्लीकेशन में साफ-साफ लिखा था कि 80 हजार से ज्यादा की भीड़ आएगी. तो क्या 'भोले बाबा' को पुलिस बचा रही है? 

FIR में 'भोले बाबा' का नाम क्यों नहीं?

हाथरस में सत्संग लिए देव प्रकाश मधुकर द्वारा पुलिस और प्रशासन को दिए एप्लीकेशन में देखने से पता चलता है कि देव प्रकाश सीधे तौर पर सद्भावना समागम समिति से जुड़ा हुआ था और इस संगठन का मुख्य सेवादार था. यानी हाथरस में जो समागम हुआ था, वो तथाकथित बाबा का संगठन ही कर रहा था. कोई प्राइवेट व्यक्ति ने बाबा को प्रवचन के लिए नहीं बुलाया था.

ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस ने सिर्फ मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर के खिलाफ ही FIR क्यों दर्ज की? भगदड़ से सैकड़ों लोगों की मौत हुई, तो संगठन के मुखिया के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुई? संगठन का वो मुखिया तथाकथित भोले बाबा, जिसकी वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हुई.

2 और आरोपी गिरफ्तार

हादसे के बाद पुलिस फरारी पर चल रहे 'भोलो बाबा' की तलाशी में जुटी है और इसमें शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने 2 और लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी सत्संग में मौजूद थे और भगदड़ के दौरान फरार हो गए थे. जानकारी के मुताबिक, दोनों आरोपी बाबा के संगठन के सेवादार हैं. पुलिस आरोपी देव प्रकाश का बैंक अकाउंट खंगाल रही है.

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