
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) बनाने वाले गुलाम नबी आजाद के हिंदू वाले बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें (गुलाम नबी आजाद को) इस बात को क्यों उठाना पड़ा. उन्हें राज्य का इतिहास मालूम है तो इस तरह का बयान क्यों दिया? इसका जवाब उन्हें ही देना है कि ऐसा करने की जरूरत उन्हें क्यों पड़ी. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस्लाम न्याय व्यवस्था लेकर लाया, जो अस्तित्व में नहीं थी.
गुलाम नबी आजाद के धर्मांतरण वाले बयान पर पलटवार करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत में लोगों का इस्लाम में परिवर्तित होने का एक लंबा इतिहास है. उस समय हिंदू व्यवस्था में उन्होंने लोगों को उच्च ब्राह्मण और निम्न ब्राह्मण में बांट दिया था.
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उन्होंने कहा कि निचले स्तर के ब्राह्मण को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं थी और आज दलित के साथ ठीक वैसा ही हो रहा है. इसलिए जब लोगों (हिंदुओं) ने देखा कि इस्लाम में किसी के बीच कोई अंतर नहीं है तो वे इस्लाम की ओर मुड़ गए. जो लोग यहां आते हैं, वे वापस नहीं जाते, यही इतिहास है.
मीरवाइज उमर फारूक को लेकर क्या बोले अब्दुल्ला?
फारूक अब्दुल्ला ने मीरवाइज उमर फारूक की नजरबंदी के मामले पर कहा कि वे आजाद नहीं हैं. यह एक झूठ है. वह मस्जिद नहीं जा सकते. उनसे कोई नहीं मिल सकता. यदि वह आजाद हैं तो उनकी जगह को लेकर जबरदस्ती क्यों. मीडिया मीरवाइज फारूक का साक्षात्कार नहीं ले सकता,
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यदि वह आजाद हैं तो क्या आप उनका साक्षात्कार कर सकते हैं? यह सरकार का सरासर झूठ है कि मीरवाइज फारूक आजाद हैं. बता दें कि मीरवाइज (Mirwaiz) कश्मीर में धर्मगुरुओं का एक सिलसिला है. श्रीनगर की जामा मस्जिद के प्रमुख मीरवाइज ही होते हैं.
मीरवाइज की 'नजरबंदी' को लेकर भेजा गया है कानूनी नोटिस
बता दें कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन को उनकी 'नजरबंदी' को लेकर कानूनी नोटिस भेजा. मीरवाइज के वकील नजीर अहमद रोंगा की ओर से नोटिस मुख्य सचिव को भेजा गया, जिसकी प्रति उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह को भी भेजी गई.
नोटिस में वकील ने कहा कि मीरवाइज को न केवल धार्मिक अधिकारों से ''वंचित'' किया गया है बल्कि उनकी स्वतंत्रता भी कम कर दी गई है. उन्हें (मीरवाइज) अपने आवास से बाहर जाने की अनुमति नहीं है. इस मामले में मस्जिद की प्रबंधन समिति ‘अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद’ ने एक बयान में कहा कि हर तरफ से उनकी (मीरवाइज उमर फारूक) की रिहाई की बार-बार अपील और एलजी के बयानों के बावजूद मीरवाइज 2019 से घर में नजरबंद हैं.
गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा था?
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का एक वीडियो सामने आया था. इस वीडियो में आजाद जम्मू-कश्मीर के लोगों से यह कहते नजर आ रहे हैं कि हिंदू धर्म इस्लाम से भी पुराना है और सभी मुसलमान पहले हिंदू ही थे.
गुलाम नबी आजाद का यह वीडियो जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले का है. आजाद 9 अगस्त को वहां पहुंचे थे. वीडियो में आजाद कहते दिख रहे हैं कि, 'इस्लाम का जन्म 1500 साल पहले हुआ. भारत में कोई भी बाहरी नहीं है. हम सभी इस देश के हैं. भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे, जो बाद में कन्वर्ट हो गए थे.'
(एजेंसी)