
सऊदी अरब के मक्का में गर्मी का सितम थमता नहीं दिख रहा है. भीषण गर्मी और हीटवेन के बीच अब तक यहां 90 भारतीयों सहित अलग-अलग देशों के 550 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इन मौतों कारण हीटवेव या इलनेस (कोई बीमारी) बताया जा रहा है. सभी लोगों की मौत नेचुरली हुई है. यानी इनमें से कोई भी हादसे का शिकार नहीं हुआ है और ना ही किसी के भी शरीर पर चोट के कोई निशान पाए गए हैं.
सामने आए आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 323 मिस्र के लोगों की है. सऊदी अरब के राजनयिकों की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि मिस्र के सभी लोगों के मरने की वजह भीषण गर्मी है. हालांकि, इनमें सिर्फ एक शख्स ऐसा है, जिसकी मौत भीड़ के कारण चोट लगने से हुई है. वहीं, मृतकों में से 60 लोग जॉर्डन के भी रहने वाले हैं.
मक्का के मुर्दाघर में 570 शव
अरब के राजनयिकों के मुताबिक मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 577 हो गया है. इनमें से 570 शव मक्का के सबसे बड़े मुर्दाघर में रखे गए हैं. बता दें कि इस साल हज 14 जून को शुरू होकर 19 जून को खत्म हुआ है.
पिछले साल भी हुई थी मौतें
हालांकि ऐसा नहीं है कि हज पर जाने वाले यात्रियों की मौत के मामले पहली बार सामने आए हैं. अब तक जहां हज पर गए 90 भारतीयों की जन गई है तो वहीं पिछले साल इस समय तक मरने वालों का आंकड़ा 101 तक पहुंच गया था.
हर दशकबढ़ रहा तापमान
बता दें कि हज इस्लाम के 5 प्रमुख स्तंभों में से एक है. आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम हर मुसलमान के लिए जीवन में एक बार हज करना अनिवार्य माना जाता है. हज यात्रा जलवायु परिवर्तन के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. पिछले महीने प्रकाशित सऊदी अरब के एक शोध में कहा गया कि हज करने वाले इलाके का तापमान हर दशक 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है. सऊदी के मौसम विभाग ने बताया कि 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद के पास तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था.
(इनपुट: एजेंसी)