
कर्नाटक हिजाब बैन मामले में सोमवार को एक बार फिर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की तरफ से वकील दुष्यंत दवे ने पक्ष रखा और अकबर से लेकर औरंगजेब तक का उदाहरण दिया. साथ ही बीजेपी नेताओं की हिंदू पत्नियों का तक जिक्र किया. दवे ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि ये लोग चाहते हैं कि आज लोग गांधी को भूल जाएं और सिर्फ सरदार पटेल के बारे में बात करें. उन्होंने हिजाब को अमेरिका में श्वेत और अश्वेत विवाद से भी जोड़ा. फिलहाल, मंगलवार सुबह 11 बजे से एक बार फिर कोर्ट मामले में सुनवाई करेगी.
वकील दुष्यंत दवे ने कहा- ये उस ड्रेस के बारे में नहीं है, हम सैन्य स्कूलों या नाजी स्कूलों के रेजिमेंट की बात नहीं कर रहे हैं. हम यहां प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों के बारे मे बात कर रहे हैं. दवे ने ये भी कहा कि संविधान खुलेपन और स्वतंत्रता की बात करता है जबकि सरकारें पाबंदी की. यहां बात सिर्फ समानता की ही नहीं, बल्कि साथ जीवन गुजारने पर भी जताई जाने वाली आपत्तियों पर है.
मुगल बादशाह की बीवी भी हिंदू थीं
याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि हिंदू-मुस्लिम लड़का-लड़की शादी करके एक साथ जीवन गुजारना चाहें तो उस पर भी लोगों को दिक्कत है. बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं की जीवन साथी हिंदू हैं. प्रख्यात संगीतकार उस्ताद अमजद अली खान की पत्नी हिंदू हैं. मुगल बादशाह अकबर की पत्नी हिंदू थीं, तब अकबर ने हिंदू रानियों और उनकी सखियों को महल में मंदिर बनाने और पूजा करने की सुविधा और स्वतंत्रता भी दी थी.
भारत में जो लोग आए, उसे स्वीकार किया
दवे ने दलील दी- 'हमारा देश एक खूबसूरत संस्कृति पर बना है. परंपराओं से बना है और 5000 साल में हमने कई धर्म अपनाए हैं. दुनियाभर के इतिहासकारों ने कहा है- भारत वह जगह है, जो लोग यहां आए, उनको स्वीकार किया गया है.
भारत ने हिंदू, बौद्ध, जैन धर्म को जन्म दिया. इस्लाम यहां आया और हमने अपना लिया. भारत ही एक ऐसी जगह है जहां अंग्रेजों को छोड़कर यहां आए लोग बिना किसी विजय के यहां बस गए.'
शादी के लिए अनुमति लेना पड़े तो विविधता में एकता कैसे?
दवे ने कहा कि हिजाब पर पाबंदी वैसी ही है, जैसे अमेरिका में अश्वेत (काले रंग वाले) छात्रों के लिए अलग बस का कानून था और श्वेत (गोरों) के लिए अलग. दक्षिण अफ्रीका में भी कभी फिरंगी राज में भारतीय और अन्य अश्वेत लोगों के लिए ट्रेन में अलग कंपार्टमेंट और श्वेत के लिए अलग थे. उन्होंने कहा कि अगर किसी हिंदू को मुस्लिम से शादी करने के लिए मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी पड़े तो ये विविधता में एकता कैसे होगी? आप प्रेम को कैसे बांध सकते हैं?
हिजाब हमारी पहचान है
दवे की दलील दी कि अकबर उदार था तो उसकी तारीफ की जाती है. इतिहास में हम देखते हैं कि औरंगजेब ने क्या किया. बेशक वह गलत था. हम उसकी निंदा करते हैं. लेकिन क्या हम उसके जैसा ही बनना चाहते हैं? संविधान निर्माताओं ने कभी पगड़ी की बात नहीं की. सिर्फ कृपाण की बात की, क्योंकि शस्त्र साथ रखना मौलिक अधिकार नहीं था. हमने हिजाब पहनकर किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई है, हमारी पहचान हिजाब है.
सरदार पटेल धर्मनिरपेक्ष थे
उन्होंने कहा कि ये आदर्श स्थिति होगी, जब एक हिंदू लड़की मुस्लिम लड़की से पूछे कि आपने हिजाब क्यों पहना है और वह अपने धर्म के बारे में बताए. यह वास्तव में अच्छी बात होगी. दवे ने कहा कि ये लोग तो चाहते हैं कि आज लोग गांधी को भूल जाएं. सिर्फ सरदार पटेल के बारे में बात करें, लेकिन सरदार बहुत ही धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे.
संविधान के बिना हम कहीं के नहीं रहेंगे
वकील दवे ने कहा कि इस कोर्ट के लिए एकमात्र धर्म जो मायने रखता है, वह है भारत का संविधान. हिंदुओं के लिए गीता जितनी महत्वपूर्ण है, मुसलमानों के लिए कुरान, सिखों के लिए गुरु ग्रंथ साहिब और ईसाइयों के लिए बाइबिल भी वही स्थान रखता है. संविधान के बिना हम कहीं के नहीं रहेंगे.