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कर्नाटक में फिर छिड़ी हिजाब की बहस, सरकार ने छात्रों को दी हिजाब पहनने की अनुमति

कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है. यहां तक कि NEET में भी इसकी अनुमति है. लोग अपनी पसंद की पोशाक पहनने के लिए स्वतंत्र हैं. उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने कहा कि उन्हें परीक्षा से एक घंटा पहले बुलाया जाता है. उनकी गहनता से जांच की जायेगी. हम किसी भी तरह का कदाचार नहीं चाहते.

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 22 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 7:13 PM IST

कर्नाटक में एक बार फिर से हिजाब की बहस छिड़ गई है. सरकार ने छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति दी है. इसके बाद हिंदू समर्थक संगठन ने विरोध की धमकी दी है. 

कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है. यहां तक कि NEET में भी इसकी अनुमति है. लोग अपनी पसंद की पोशाक पहनने के लिए स्वतंत्र हैं. उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने कहा कि उन्हें परीक्षा से एक घंटा पहले बुलाया जाता है. उनकी गहनता से जांच की जायेगी. हम किसी भी तरह का कदाचार नहीं चाहते. हिजाब पहनने वालों को एक घंटे पहले आना चाहिए ताकि हम उनकी अच्छी तरह से जांच कर सकें.

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उन्होंने कहा कि मुझे उन लोगों का तर्क समझ नहीं आता. यह एक चयनात्मक विरोध है. किसी दूसरे के अधिकार का हनन नहीं कर सकते. वे समाज में अशांति पैदा करने के लिए हैं. यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है.

पहले भी हिजाब को लेकर हुआ विवाद 
गौरतलब है कि कर्नाटक के उडुपी जिले में एक जूनियर कॉलेज ने छात्राओं पर स्कूल में हिजाब पहनकर आने पर रोक लगा दी थी. गर्वनमेंट पूयी कॉलेज ने 01 जुलाई 2021 को कॉलेज यूनिफॉर्म लागू किया था और सभी छात्र-छात्राओं को इसे फॉलो करने के लिए कहा था. 

कोविड-19 में लागू लॉकडाउन के बाद जब फिर से स्कूलों को खोला गया तो सीनियर स्कूल की कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर आने लगी थीं. तब उडुपी जिले के सरकारी जूनियर कॉलेज की छात्राओं ने कॉलेज अथॉरिटी से हिजाब पहनकर स्कूल आने की अनुमति मांगी. 

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दिसंबर 2021 कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर स्कूल पहुंची तो उन्हें गेट के बाहर ही रोक दिया गया. इसपर छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ जनवरी 2022 में कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उडुपी जिले के बाद बाकी जिलों शिवमोगा और बेलगावी के कॉलेजों में भी हिजाब पहनकर कॉलेज आने वाली छात्राओं पर रोक लगा दी गई. दूसरी ओर एक समुदाय के छात्रों ने हिजाब पहने छात्राओं के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ा, दो समुदाय के छात्र आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया.

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