
हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव पूरे हुए. कांग्रेस के हिस्से हिमाचल और बीजेपी के गुजरात आया. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का एक नेता जो 4 बार चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन कभी प्रदेश सरकार में मंत्री नहीं रहे हैं. कभी वो जीतते तो पार्टी बहुमत नहीं पाती. एक बार पार्टी जीती तो वही हार गए. और एक बार वीरभद्र सिंह ने उन्हें मंत्रीमण्डल में शामिल नहीं किया. लेकिन अब वे प्रदेश का मुख्यमंत्री है. सुखविंदर सिंह सुक्खू को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाया है. कल उन्होंने राज्य के 15 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली. राहुल- प्रियंका से ले कर अलग अलग प्रदेशों के सारे दिग्गज कांग्रेसी इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए. मुख्यमंत्री पद की एक और दावेदार थीं प्रतिभा सिंह. लेकिन वो पीछे छूट गई. फिर चर्चा थी कि उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन उपमुख्यमंत्री बने मुकेश अग्निहोत्री. राज्यपाल ने इन दोनों को शपथ दिलाई. अब आगे सबकी नजरें हैं कैबिनेट के गठन पर. कौन मंत्री बनेगा और सुखविंदर सिंह की टीम कैसी होगी और प्रतिभा सिंह की नाराजगी के बावजूद कैसे कांग्रेस अपना निर्णय लागू कर पाने में सफल रह सकी? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही दुनिया भर के देश रूस को अलग थलग करने में जुटे हुए हैं. हालांकि भारत ने अब तक अपना गुट निरपेक्ष रवैया बरकरार रखा है. रूस की सीधी आलोचना हो या रूस के साथ व्यापारिक संबंधों का बॉयकाट, भारत ने ऐसा कुछ भी करने से परहेज किया. दुनिया भर में इसकी आलोचना भी हुई. पिछले दिनों भारतीय विदेश मंत्री एस जय शंकर ने रूस से व्यापार पर साफ कहा कि भारत को जहां से ट्रेड में फायदा होगा, हम करेंगे. लेकिन अब जो खबर आ रही है भारत के इस रुख के ठीक उलट है. दरअसल रूस और भारत के बीच हर साल शिखर सम्मेलन आयोजित होता है, जिसमें दोनों देशों के राष्ट्राधयक्ष मिलते हैं. लेकिन इस बार ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी सम्मेलन में शामिल होने रूस नहीं जाएंगे. इस फैसले के पीछे कहा जा रहा है कि ऐसे समय में जब रूस दुनिया भर की आलोचना झेल रहा है तब उसके साथ शिखर सम्मेलन में शामिल होना भारत के लिए फायदेमंद नहीं होगा. रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस साल के शिखर सम्मेलन के आयोजन को खारिज किया है. उन्होंने कहा अभी ऐसा होने की संभावना बहुत कम है. सवाल ये है कि अलग अलग देशों की तमाम आपत्तियों के बावजूद रूस से व्यापार कर रहे भारत को इस सम्मेलन में शामिल होने में क्या नुकसान नजर आ रहे हैं, क्यों ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार का रूस भारत शिखर सम्मेलन पर संशय है और इससे दोनों देशों के रिश्तों में किस तरह का असर डाल सकता है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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फीफा वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल की तस्वीर अब साफ है. चार देश हैं – अर्जेन्टीना, क्रोएशिया, फ्रांस और मोरक्को. अब पहला सेमिफाइनल मुकाबला 14 दिसंबर को खेला जाएगा, अर्जेंटीना और क्रोएशिया के बीच. दुसरा सेमीफाइनल मैच 15 दिसंबर को खेला जाएगा, जिसमें फ्रांस और मोरक्को आमने सामने होंगे. सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम क्रोएशिया रही जिसने 5 बार के चैंपियन ब्राजिल को हराया था. सबसे ज्यादा जिस टीम के जीत की चर्चा हो रही है वो है मोरक्को. मोरक्को ने क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल को हराया. और मोरक्को पहली अफ्रीकी टीम बन गई है जो फीफा वर्ल्ड कप के सेमिफाइनल खेलेगी . तो अब आगे कैसी नजर आ रही है वर्ल्ड कप की लड़ाई, इन चारों में से कौन मजबूत नजर आ रहा देखने पर? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.