
राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की शुरुआत ही हंगामेदार रही. तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने चर्चा की शुरुआत करते हुए ऐसी टिप्पणी कर दी कि गृह मंत्री अमित शाह उठ खड़े हुए. साकेत गोखले ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सीबीआई के पेंडिंग केस का उल्लेख शुरू किया. इस पर सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह उठ खड़े हुए और आपत्ति करते हुए कहा कि माननीय सदस्य से आपने (सभापति ने) गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू करने के लिए कहा है लेकिन शायद इनको पता नहीं है कि ये जिस एजेंसी का नाम ले रहे हैं और जिनका नाम लेना चाहते होंगे, उनमें से कोई भी एजेंसी गृह मंत्रालय के पास नहीं है.
गृह मंत्री शाह ने कहा कि अगर आप (सभापति) इनको नहीं रोकेंगे तो हमें भी मत रोकिएगा, हर सवाल का मिलेगा. इसके बाद साकेत गोखले ने ऐसी टिप्पणी कर दी जिस पर आपत्ति करते हुए नेता सदन जेपी नड्डा ने वापस लेने की मांग की. इस टिप्पणी पर भड़के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम यहां किसी की कृपा से नहीं आए हैं, एक आइडिलॉजी का विरोध करके नहीं आ गए हैं. सात बार चुनाव जीतकर आए हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई के जिन केस की ये बात कर रहे हैं, वो चुनावी हिंसा के लिए दर्ज किए गए हैं. पूरा देश देख रहा है कि जमींदारी कौन कर रहा है. हम डरते नहीं है. साकेत गोखले ने कहा कि आप कहते हैं तो मैं इस पॉइंट को (केंद्रीय एजेंसियों के पॉइंट को) छोड़ देता हूं.
साकेत गोखले ने आगे कहा कि ये (गृह मंत्री शाह) भी साबरमती जेल में रहकर आए हैं, मैं भी साबरमती जेल में रहकर आया हूं. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. जेपी नड्डा ने इस टिप्पणी पर आपत्ति की. सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसी के लिए भी डर गए हैं, ये कहना सही नहीं है. उन्होंने साकेत गोखले से अपनी ये टिप्पणी वापस लेने की अपील की. साकेत गोखले ने कहा कि इसे बीजेपी वाले डिलीट करेंगे. ममता बनर्जी के सिपाही वापस नहीं लेंगे. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने इस टिप्पणी को असंसदीय बताते हुए कहा कि इसे डिलीट किया जाएगा.
इसके बाद साकेत गोखले ने अपनी स्पीच जारी रखी. साकेत गोखले ने कहा कि पहले सीएए आएगा, फिर एनआरसी लागू होगा. सीएए 2020 में नोटिफाई हुआ लेकिन 2021 के बंगाल चुनाव में इससे इनको कोई लाभ नहीं मिला. उन्होंने आगे कहा कि चार साल हो गए, नियम तक नहीं बने. मणिपुर का जिक्र करते हुए साकेत गोखले ने कहा कि होम मिनिस्ट्री का मतलब ये नहीं कि आप मंत्रालय घर से चलाओ. एक टर्म है तानाशाही, आपके नाम में शाह है जिसे अंग्रेजी में टेम्पर्ड कहते हैं.
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नेता सदन जेपी नड्डा ने इस टिप्पणी पर आपत्ति करते हुए कहा कि ये एक जाति के खिलाफ टिप्पणी है. इसे वे वापस लें अन्यथा इसे डिलीट किया जाए. जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है. साकेत गोखले अगर टिप्पणी वापस लेते हैं तो ठीक, नहीं तो इसे डिलीट किया जाएगा और दोनों मामले हमारे संज्ञान में हैं. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चर्चा की शुरुआत करते हुए 12 मिनट की स्पीच में माननीय सदस्य ने कोई एक सुझाव दिया हो तो बताएं. इन्होंने राज्यसभा की गरिमा को गिराया है. इतना गिरा हुआ भाषण दिया है.
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सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमने कई बार कहा है कि हमें एक-दूसरे का सम्मान करते हुए एकता का संदेश देना चाहिए, विभाजन का नहीं. ये अपर हाउस है, डेकोरम मेंटेन करें. साकेत, आपको पता है कि सेंट्रल ब्यूरो गृह मंत्रालय के तहत नहीं है. डेरेक ओ'ब्रायन ने संसदीय कार्य मंत्री की टिप्पणी पर आपत्ति करते हुए कहा कि हमारे साथी सांसद को ऑन रिकॉर्ड कहा गया है कि ब्रॉड माइंडेड नहीं है. डेरेक ने कहा कि तीन-तीन मंत्री खड़े हो गए बोलने के लिए. इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मैंने स्पीच को लेकर कहा है. इसके बाद साकेत गोखले ने कहा कि गृह मंत्री ने इसी सदन में बाबा साहब आंबेडकर को लेकर टिप्पणी की थी और ये आज जाति की बात करते हैं. पश्चिम बंगाल की जनता बीजेपी को तड़ी पार कर देगी. इस पर जेपी नड्डा ने आपत्ति की.
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साकेत गोखले के बाद बीजेपी की ओर से डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा को आगे बढ़ाया. डॉक्टर त्रिवेदी ने असम की धुबरी सीट से कांग्रेस के रकीबुल हसन की जीत का मार्जिन बताते हुए इसे एनआरसी के विरोध से जोड़ दिया. इस पर विपक्ष की ओर से आपत्ति की गई. गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर कहा कि माननीय सदस्य ने दूसरे सदन के सदस्य की जीत का केवल अंतर बताया है जो चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में है. इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है. सभापति जगदीप धनखड़ ने सुधांशु त्रिवेदी से अपनी बात अगले दिन पूरा करने के लिए कहा और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.